अपडेटेड 11 May 2025 at 22:17 IST

'ऑपरेशन सिंदूर' ने किया मुस्लिम युवती 'सिमरन' का हृदय परिवर्तन, इस्लाम छोड़ा हिन्दू युवक से शादी कर बन गई 'सिंदूर'

सिमरन से सिंदूर बनी युवती से जब ये पूछा गया कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया तो इस सवाल के जवाब में सिंदूर ने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई ने उसे यह सोचने पर मजबूर किया।

Follow :  
×

Share


'ऑपरेशन सिंदूर' ने किया मुस्लिम युवती 'सिमरन' का हृदय परिवर्तन, इस्लाम छोड़ा हिन्दू युवक से शादी कर बन गई 'सिंदूर' | Image: Representational Image

Simran Become Sindoor Inspired from Indian Army's 'Operation Sindoor' :  22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई त्वरित और निर्णायक जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' अब सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन चुकी है। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) आतंकी संगठन द्वारा निहत्थे पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर हत्या करने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस घटना का कड़ा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत महज 25 मिनट में कार्रवाई कर 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस हमले में लगभग 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई है।


इस सैन्य अभियान ने केवल सामरिक स्तर पर ही नहीं, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी प्रभाव डाला। राजस्थान के कोटा की एक मुस्लिम युवती इस ऑपरेशन से इतनी प्रभावित हुई कि उसने अपना जीवन ही बदलने का निर्णय ले लिया। युवती ने हिंदू धर्म अपनाकर कोटा के ही एक युवक प्रकाश सुमन से विवाह किया। शादी खंडवा (मध्य प्रदेश) के महादेवगढ़ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई। युवती ने अपना नाम बदलकर ‘सिमरन’ से ‘सिंदूर’ रख लिया। 'ऑपरेशन सिंदूर' अब सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना, साहस और एकजुटता का प्रतीक बन गया है, जो आतंक के विरुद्ध देश की अडिग इच्छाशक्ति को दर्शाता है।


‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने देशभर में राष्ट्रभक्ति की नई लहर पैदा की

सिमरन से सिंदूर बनी युवती से जब ये पूछा गया कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया तो इस सवाल के जवाब में सिंदूर ने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई ने उसे यह सोचने पर मजबूर किया कि आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना केवल एक सैन्य जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य भी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' अब केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि देशभक्ति, साहस और आत्मबल का प्रतीक बन गया है, जो न सिर्फ सीमाओं पर बल्कि लोगों के विचारों में भी बदलाव ला रहा है। सिमरन ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने देशभर में राष्ट्रभक्ति की नई लहर पैदा कर दी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से की गई निर्णायक कार्रवाई ने न सिर्फ सीमाओं पर सख्ती दिखाई, बल्कि देश के नागरिकों के मन में भी नया जोश भर दिया। इसी भावना से प्रेरित होकर राजस्थान के कोटा की रहने वाली मुस्लिम युवती सिमरन ने अपने जीवन को एक नया मोड़ देने का निर्णय लिया।


इंडियन ऑर्मी के 'ऑपरेशन सिंदूर' ने किया हृदय परिवर्तन

सिमरन ने अपने बचपन के साथी प्रकाश सुमन से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। दोनों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से देश की ओर से उठाए गए कड़े कदमों की सराहना की और साथ ही अपने जीवन को देशहित में समर्पित करने का संकल्प लिया। इसी उद्देश्य से वे शुक्रवार को राजस्थान से मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे। खंडवा के महादेव गढ़ मंदिर पहुंचकर दोनों ने मंदिर संचालक अशोक पालीवाल से मुलाकात की और सिमरन ने अपने मन की बात साझा की। उसने कहा, “आतंकियों को जवाब देने के लिए राष्ट्र ने जो कदम उठाया है, उसने मेरे सोचने के तरीके को बदल दिया है। मैं अब अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित करना चाहती हूं।” सिमरन ने इसके बाद हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया और प्रकाश के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया। उसने अपना नाम बदलकर ‘सिंदूर’ रख लिया, जो अब उसकी नई पहचान बन गई है। यह कहानी सिर्फ एक विवाह की नहीं, बल्कि उस चेतना की है जो एक राष्ट्र के संकल्प से जन्म लेती है। जब देश लड़ता है, तो उसके नागरिक खामोश नहीं रहते, वे साथ खड़े होते हैं।


'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरित होकर युवती ने खुद अपना नाम रखा 'सिंदूर'

राष्ट्रभक्ति और आत्मबल की मिसाल बनी कोटा की युवती सिमरन ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरणा लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। इस्लाम धर्म में जन्मी सिमरन ने आतंकवाद के खिलाफ देश की सैन्य कार्रवाई से प्रभावित होकर हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया और अपनी नई पहचान 'सिंदूर' के रूप में स्थापित की। जैसे ही खंडवा के महादेव गढ़ मंदिर के संचालक अशोक पालीवाल को युवती की इच्छा की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत अपनी टीम को तैयार कर धर्म परिवर्तन की संपूर्ण प्रक्रिया को विधिवत संपन्न कराने की पहल की। वैदिक विधियों के अनुसार सिमरन को पहले पवित्र गंगा जल से स्नान करवाया गया और फिर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ‘घर वापसी’ की रस्म पूरी की गई। इस अवसर पर सिमरन के कुछ मित्र भी राजस्थान से खंडवा पहुंचे थे, जिन्होंने पूरे आयोजन में सहभागिता निभाई। करीब दो घंटे तक चली इस धार्मिक प्रक्रिया के बाद सिमरन ने स्वयं घोषणा की कि वह अब अपना नाम 'सिंदूर' रखना चाहती है एक ऐसा नाम जो उसकी नई सोच, पहचान और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक बन गया है।

यह भी पढ़ेंः 'हमने 100 आतंकियों को मार गिराया' DGMO का 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दावा

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 11 May 2025 at 22:17 IST