अपडेटेड 9 December 2024 at 23:14 IST

लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों की किताब को कथेतर श्रेणी में ‘क्रॉसवर्ड’ पुरस्कार मिला

सेना की चिनार कोर के पूर्व कमांडर के जे एस ढिल्लों की किताब ‘कितने गाजी आए कितने गाजी गए: माई लाइफ स्टोरी’ को सर्वश्रेष्ठ कथेतर लेखन के लिए पुरस्कार मिला है।

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KJS DHILLON | Image: x

सेना की चिनार कोर के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के जे एस ढिल्लों की किताब ‘कितने गाजी आए कितने गाजी गए: माई लाइफ स्टोरी’ को सर्वश्रेष्ठ कथेतर लेखन के लिए ‘क्रॉसवर्ड बुक’ पुरस्कार मिला है।

वर्ष 2023 में प्रकाशित यह किताब पाठकों को कश्मीरी पंडितों के पलायन, 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले, जिसमें अर्द्धसैन्य बल के 40 जवान शहीद हो गए थे, उसके बाद हुए बालाकोट हवाई हमलों और अनुच्छेद 370 को हटाने तथा क्षेत्र की सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर इसके प्रभाव से संबंधित पर्दे के पीछे की कहानियों और घटनाक्रम से वाकिफ कराती है।

एक बयान में कहा गया कि लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों को यह पुरस्कार रविवार को मुंबई में पत्रकार और स्तंभकार बच्ची करकरिया द्वारा प्रदान किया गया।

इस किताब में सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने तीन वर्ष की आयु से लेकर चिनार कोर के कमांडर बनने तक की अपनी कठिन चुनौतियों के बारे में रोचक कहानियां सुनाई हैं। भारतीय सेना की श्रीनगर स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इकाई चिनार कोर कश्मीर घाटी में सैन्य अभियानों के लिए जिम्मेदार है।

बयान में कहा गया कि लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों को अपने शानदार करियर के दौरान परम विशिष्ट सेवा पदक और उत्तम युद्ध सेवा पदक सहित कई सम्मान मिले हैं।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 9 December 2024 at 23:13 IST