अपडेटेड 20 February 2024 at 19:14 IST
संदेशखालि में स्थिति भयावह होने के साथ-साथ अराजक, पश्चिम बंगाल सरकार पर शुभेंदु अधिकारी का हमला
महिलाओं ने फरार चल रहे शाहजहां शेख सहित तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा दिए गए अपने "दर्दनाक" अनुभवों को साझा किया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) से अनुमति मिलने के बाद मंगलवार को दोपहर बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तर 24 परगना जिले (North 24 Pargana District) के संदेशखालि (Sandeshkhali) पहुंचे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी (Senior BJP Leader Suvendu Adhikari) ने संघर्षग्रस्त क्षेत्र की स्थिति को भयानक तथा अराजकता का स्पष्ट उदाहरण' बताया।
एक अन्य विधायक शंकर घोष (Shankar Ghosh) के साथ पहुंचे अधिकारी ने महिलाओं सहित स्थानीय लोगों से बात की। महिलाओं ने फरार चल रहे शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) सहित तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेताओं द्वारा दिए गए अपने "दर्दनाक" अनुभवों (Shares Painful Experience) को साझा किया।
महिलाओं ने किया BJP नेताओं का स्वागत
BJP नेता नाव से कालिंदी नदी पार कर संदेशखालि पहुंचे, जहां महिलाओं सहित स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'स्थानीय लोगों द्वारा साझा किये गये अनुभव बेहद दर्दनाक हैं। उनकी जमीनें हड़प ली गईं और महिलाओं का शोषण किया गया। सब कुछ पुलिस और प्रशासन की मदद से हुआ। स्थिति पूरी तरह से भयावह है और इलाके में अराजकता का स्पष्ट उदाहरण है।' अधिकारी ने संदेशखालि में घरों का दौरा करने के साथ ही स्थानीय लोगों से बात की। वह 2007-08 में नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण-विरोधी आंदोलन के दिनों में तत्कालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी के करीबी विश्वासपात्र थे। अधिकारी 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।
पुलिस ने इससे पहले दिन में विपक्षी नेता ने निषेधाज्ञा लागू होने के आधार पर अधिकारी को संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोक दिया था। पुलिस (Police) ने कहा कि सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक खंडपीठ में अपील की है। उच्च न्यायालय की एकल पीठ (High Court Single Bench) ने ही सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति दी थी।
नौका से अधिकारी पहुंचे संदेशखालि
अधिकारी ने कहा, "कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने अब मुझे और मेरे साथी भाजपा के विधायक शंकर घोष को संदेशखालि जाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा उन्हें धमखालि नौका घाट तक ले जाया गया, जहां से उन्होंने संदेशखालि पहुंचने के लिए नाव से कालिंदी नदी को पार किया। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार सुबह अधिकारी को संदेशखालि जाने की अनुमति दी।
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने अधिकारी और भाजपा के एक अन्य विधायक शंकर घोष को संदेशखालि जाने की अनुमति दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सोमवार को भी अधिकारी को संदेशखालि जाने की अनुमति दी थी, इसके साथ ही भाजपा नेता को संकटग्रस्त क्षेत्र में कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं देने या किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा नहीं करने का भी निर्देश दिया था।
ममता सरकार ने आदेश को दी चुनौती
पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की थी। अधिकारी के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने इसे माहौल खराब करने की कोशिश करार दिया। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'हां, क्षेत्र से कुछ शिकायतें आई हैं, जिसमें प्रशासन और पार्टी दोनों ही उन्हें सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने और माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है।' संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 20 February 2024 at 18:35 IST