अपडेटेड 11 November 2024 at 13:02 IST

महिला मर्जी से होटल रूम में जाए इसका मतलब ये नहीं कि संबंध के लिए तैयार...बॉम्बे HC का बड़ा फैसला

कोर्ट ने कहा कि एक महिला किसी पुरुष के साथ होटल के कमरे के अंदर जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसने उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए सहमति दी है।

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महिला कमरे में साथ जा रही इसका मतलब ये नहीं कि वो सेक्स के लिए राजी है: बॉम्बे HC | Image: pixabay

बलात्कार से जुड़े एक केस में बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि एक महिला किसी पुरुष के साथ होटल का कमरा बुक करती है और उसके साथ कमरे के अंदर जाती है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसने उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए सहमति दी है। 2020 में दर्ज हुए एक केस पर फैसला सुनाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें आरोपी के खिलाफ रेप केस को बंद कर दिया गया था।

जस्टिस भरत पी देशपांडे ने रेखांकित किया कि भले ही यह मान लिया जाए कि महिला ने पुरुष के साथ कमरे में प्रवेश किया था, इसे किसी भी तरह से सेक्स के लिए उसकी सहमति नहीं माना जा सकता है।

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस भरत पी देशपांडे की बेंच ने कहा, ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सच है कि यह दिखाने के लिए सबूत है कि आरोपी और शिकायतकर्ता ने कमरा बुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, हालांकि, इसे सेक्स के उद्देश्य से पीड़िता द्वारा दी गई सहमति नहीं माना जाएगा... भले ही ऐसा हो यह स्वीकार किया जाता है कि पीड़िता आरोपी के साथ कमरे के अंदर गई थी, लेकिन  इसे किसी भी तरह से संभोग के लिए उसकी सहमति नहीं माना जा सकता है।

बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने मार्च 2021 में ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित डिस्चार्ज के आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत आरोपी गुलशेर अहमद के खिलाफ बलात्कार का मामला बंद कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने अपने 3 सितंबर के फैसले में आगे कहा कि इस तरह का निष्कर्ष निकालना स्पष्ट रूप से तय प्रस्ताव के खिलाफ है और विशेष रूप से तब जब शिकायत घटना के तुरंत बाद दर्ज की गई थी।

क्या है पूरा मामला?

ये मामला मार्च 2020 में सामने आया था जब आरोपी ने कथित तौर पर महिला को विदेश में निजी रोजगार की पेशकश की। आरोपी ने कथित तौर पर रोजगार के उद्देश्य से एक एजेंसी से मिलने की आड़ में महिला को होटल के कमरे में आने को कहा था। आरोपी और पीड़िता दोनों ने एक साथ कमरा बुक किया था। हालांकि, पीड़िता ने आरोप लगाया कि होटल के कमरे में प्रवेश करने के तुरंत बाद, आरोपी ने उसे हत्या की धमकी दी। इसके बाद उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने बताया कि जब आरोपी बाथरूम गया तो वह कमरे से भागकर होटल से बाहर भाग गई और पुलिस को सूचना दी।

इसके बाद, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया। निचली अदालत ने आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि चूंकि महिला स्वेच्छा से कमरे के अंदर गई थी, इसलिए उसने सेक्स के लिए सहमति दी थी।

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Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 11 November 2024 at 13:02 IST