अपडेटेड 30 May 2025 at 12:37 IST
Ankita Bhandari Murder Case: पुलकित, सौरभ और अंकित दोषी अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषी करार, थोड़ी देर में कोर्ट करेगी सजा का ऐलान
Ankita Murder Case Verdict: उत्तराखंड के कोटद्वार में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार आज कोर्ट का फैसला आ ही गया। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है।
Court Verdict on Ankita Bhandari Murder Case: देश को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार आज 30 मई को अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई करीब दो साल आठ महीने तक चली, जिसके दौरान तमाम सबूतों और गवाहों को अदालत के सामने पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों की गवाही दर्ज करवाई, जिनके बयानों और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था, जिसने इस केस में 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़िता को न्याय की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है, वहीं समाज में भी एक बार फिर न्याय प्रणाली में विश्वास मजबूत हुआ है। 18 सितंबर 2022 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में निर्मम हत्या का एक मामला सामने आया, जिसने पूरे प्रदेश को दहला दिया। 19-वर्षीय अंकिता भंडारी, जो यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर काम कर रही थी, अचानक लापता हो गई। कुछ ही दिन बाद उसका शव पास की शहर नहर से बरामद हुआ, और इलाके में हड़कंप मच गया।
धामी सरकार ने की थी पीड़ित परिवार की मदद
जांच में खुलासा हुआ कि रिज़ॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता की हत्या की थी। तीनों ने बहसबाज़ी के बाद अंकिता को धक्का देकर नहर में गिरा दिया। घटना के बाद तीखी जन-प्रतक्रिया हुई और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया। फिलहाल तीनों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता जेल में बंद हैं और उन पर हत्या का मुक़दमा चल रहा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। घटना के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने पीड़ित परिवार की सहायता के लिए ₹25 लाख की आर्थिक मदद दी। साथ ही, अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी भी प्रदान की गई, जिससे परिवार को सहारा मिल सके। इस वीभत्स घटना के सामने आने के बाद पूरे देश में गहरा आक्रोश फैल गया था। लोग सड़कों पर उतर आए, विरोध प्रदर्शन हुए और न्याय की मांग को लेकर जगह-जगह आवाजें उठीं। यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा, सत्ता के दुरुपयोग और न्याय व्यवस्था की साख से जुड़ा बड़ा सामाजिक मुद्दा बन गया।
आखिर क्यों हुई अंकिता भंडारी की हत्या?
अंकिता भंडारी हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, चौंकाने वाले खुलासे सामने आते गए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, किसी बात को लेकर अंकिता और रिज़ॉर्ट संचालक पुलकित आर्य के बीच तीखा विवाद हो गया था। इसी विवाद के बाद पुलकित ने अपने साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर 2022 को गिरफ़्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान तीनों ने अपराध कबूल करते हुए हत्या की बात स्वीकार की। गौरतलब है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है। जैसे ही मामला सामने आया और पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ी, पार्टी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस घटना के बाद लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया था। देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए और सड़कों पर न्याय की मांग को लेकर लोग उतर आए। यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं रहा, बल्कि व्यवस्था, शक्ति और महिला सुरक्षा पर सवाल उठाने वाला प्रतीक बन गया।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 30 May 2025 at 12:15 IST