अपडेटेड 15 February 2024 at 09:46 IST

कांग्रेस की मंशा पर प्रकाश जावड़ेकर ने उठाए सवाल, याद दिलाया मनमोहन सरकार का वो वाकया, जब MSP पर...

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर 2010 के एक वाकया की बात कर रहे हैं, जब स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कांग्रेस ने मानने से इनकार कर दिया था।

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बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर और कांग्रेस नेता राहुल गांधी। | Image: Facebook

Farmers Protest : पंजाब से आए आंदोलनकारी किसान MSP की गांरटी के लिए कानून की मांग पर अड़े हैं। किसानों ने हरियाणा-पंजाब की सीमाओं को घेर लिया है और असल प्लान दिल्ली को घेरने का है। इसी बीच कांग्रेस अब प्रदर्शनकारी किसानों को MSP कानून का आश्वासन दे रही है। हालांकि बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के MSP वाले बयान पर भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने प्रतिक्रिया दी है और साथ में मनमोहन सरकार का वाकया भी याद दिलाया है। जावड़ेकर 2010 के एक वाकया की बात कर रहे हैं, जब स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कांग्रेस ने मानने से इनकार कर दिया था। फिलहाल देश के किसान इसी रिपोर्ट को लागू करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

जावड़ेकर ने याद दिलाया वाकया

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'राहुल गांधी और कांग्रेस का ये बयान झूठ है। मैंने 2010 में राज्यसभा में इनसे MSP पर सवाल किया था और मैंने इनसे 10 साल ऐसे ही सवाल करता रहा और आज बोल रहे हैं कि MSP की कानूनी गारंटी देंगे। आप जब सत्ता में थे, तब आपने ये क्यों नहीं दिया? आप जब सत्ता में थे तब तो कुछ किया नहीं और अब झूठे आश्वासन दे रहे हैं।'

2010 में मनमोहन सरकार ने खारिज की रिपोर्ट

साल 2010 में जब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में UPA की सरकार थी, तब कांग्रेस ने ही स्वामीनाथन आयोग की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसमें फसलों की MSP लागत से डेढ़ गुना तक करने की सिफारिश की गई थी। UPA राज में MSP को अव्यवहारिक बताया गया था और कहा गया कि अगर ऐसा हुआ तो फिर अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।

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प्रकाश जावड़ेकर ने 2010 में जब पूछा सवाल

ये दावा बीजेपी नेता और तत्कालीन राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर के एक सवाल के जवाब में खुद कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री रहे केवी थॉमस ने किया था। संसद की बेवसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 2010 में उस समय के राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सरकार से सवाल पूछे थे। 16  अप्रैल 2010 को जावड़ेकर ने पूछा था-

सवाल- 1 : क्या सरकार ने किसानों को भुगतान किए जाने वाले लाभकारी मूल्यों की गणना के संबंध में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।

सवाल- 2 : यदि हां, तो उसका ब्यौरा क्या है?

सवाल- 3 : यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

कांग्रेस सरकार के मंत्री का जवाब

इन सवालों के जवाब 2010 में कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री केवी थॉमस की तरफ से दिए गए। तीनों सवालों का जवाब उन्होंने एक ही बार में दिया।

‘प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग ने सिफारिश की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन की भारित औसत लागत से कम से कम 50 फीसदी अधिक होना चाहिए। हालांकि, इस सिफारिश को सरकार ने स्वीकार नहीं किया है, क्योंकि एमएसपी की सिफारिश कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर और विभिन्न प्रासंगिक कारकों पर विचार करते हुए की जाती है। इसलिए लागत पर कम से कम 50 फीसदी की वृद्धि निर्धारित करने से बाजार बिगड़ सकता है। एमएसपी और उत्पादन लागत के बीच एक यांत्रिक संबंध कुछ मामलों में प्रति-उत्पादक हो सकता है।’

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 15 February 2024 at 09:46 IST