अपडेटेड 12 March 2025 at 18:43 IST
केरल त्रि-भाषा नीति का समर्थन करता है लेकिन हिंदी थोपने के खिलाफ- मंत्री बिंदु
त्रि-भाषा नीति को लेकर तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच जारी टकराव के बीच केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने बुधवार को कहा कि राज्य ने हमेशा त्रि-भाषा नीति को प्रोत्साहित किया है।
त्रि-भाषा नीति को लेकर तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच जारी टकराव के बीच केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने बुधवार को कहा कि राज्य ने हमेशा त्रि-भाषा नीति को प्रोत्साहित किया है, लेकिन हिंदी थोपे जाने का कड़ा विरोध किया है। बिंदु ने यहां पत्रकारों से कहा कि केरल चाहता है कि छात्र कई भाषाएं सीखें और यहां तक कि भाषा नेटवर्किंग के लिए उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि छात्र विदेशी भाषाएं भी सीखें, यही वजह है कि हमने भाषा नेटवर्किंग के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की है।’’ हालांकि, मंत्री ने दोहराया कि राज्य हिंदी थोपे जाने का विरोध करता है। बिंदु ने कहा, ‘‘इसके साथ ही हम सभी भाषाओं के प्रति सहिष्णुता अपनाते हैं। विभिन्न भाषाओं को आत्मसात करना शुरू से ही केरल की संस्कृति का हिस्सा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि केरल की लंबी तटरेखा ऐतिहासिक रूप से विभिन्न विदेशी समूहों को राज्य की ओर आकर्षित करती रही है, जिससे भाषाई विविधता को बढ़ावा मिला है। मंत्री ने कहा, ‘‘तब से हमने विभिन्न विदेशी भाषाओं को अपनाया है। अब हमारी नीति छात्रों को कई भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसमें मलयालम को तरजीह दी जा रही है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 12 March 2025 at 18:43 IST