अपडेटेड 29 February 2024 at 21:26 IST

पढ़ाई छोड़ी, बना गैंगस्टर; नफे सिंह हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले कपिल सांगवान की क्राइम कुंडली

Kapil Sangwan पर मकोका, हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, लूटपाट और सशस्त्र अधिनियम के तहत दिल्ली में 18 मामले दर्ज हैं।

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गैंगस्टर कपिल सांगवान की क्राइम कुंडली | Image: Republic

Nafe Singh Rathee Murder Case : इंडियन नेशनल लोकदल (INLD ) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्याकांड की जिम्मेदारी फरार गैंगस्टर और लंदन में रह रहे कपिल सांगवान ने ली है। दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार डोजियर के मुताबिक कपिल सांगवान मूल रूप से दिल्ली के नजफगढ़ इलाके का रहने वाला है और उसके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका), हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी, लूटपाट और सशस्त्र अधिनियम के तहत दिल्ली में 18 मामले दर्ज हैं।

राठी और इनेलो कार्यकर्ता जय किशन की रविवार को झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। संगवान ने हरियाणा के मानेसर स्थित एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय से होटल प्रबंधन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम रखा है।

सोशल मीडिया पोस्ट पर ली जिम्मेदारी

सांगवान ने बुधवार को कथित सोशल मीडिया पोस्ट में राठी और किशन को गोली मारकर हत्या करने की जिम्मेदारी ली। पोस्ट में दावा किया गया कि राठी की हत्या उनकी सांगवान के प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर मंजीत महल से करीबी की वजह से की गई। दिल्ली पुलिस के अधिकारी के मुताबिक सांगवान और महल दोनों ही नजफगढ़ के रहने वाले हैं और 2015 के बीच से ही दोनों में दुश्मनी चल रही है। दोनों के बीच दुश्मनी महल और उसके गुर्गों द्वारा कथित तौर पर सांगवान के जीजा सुनील उर्फ डॉक्टर की हत्या के बाद शुरू हुई।

बड़े भाई के निर्देश पर हत्या

पुलिस के मुताबिक अपने बड़े भाई ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा के निर्देश पर सांगवान ने बदला लेने के लिए अपने गुर्गों की टीम बनाई और नफे सिंह उर्फ मंत्री की हत्या कर दी, जो महल के करीबी थे। ज्योति प्रकाश अभी तिहाड़ जेल में बंद है और कपिल-ज्योति बाबा गिरोह का हिस्सा है। ज्योति प्रकाश के खिलाफ भी हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी और अवैध हथियार सहित करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। दोनों राजस्थान और गुजरात में शराब माफिया से करीब से जुड़े हुए हैं।

जरायम की दुनिया में एंट्री

कपिल सांगवान ने 2017 में मंजीत महल के पिता श्री कृष्णा की नजफगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी थी। सांगवान पर तैयार डोजियर के मुताबिक उसने अपराध जगत में सितंबर, 2014 में तब कदम रखा जब दिल्ली के छावला में रंगदारी वसूलने के मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई। नवंबर, 2014 में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश की प्राथमिकी दर्ज की गई और उसी महीने उसे हरियाणा के जींद जिले में हुई डकैती में संलिप्त पाया गया।

मकोका के तहत मामला दर्ज

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सांगवान जल्द ही आपा खोने वाले लेकिन खुशमिजाज व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। 2014 और 2016 के बीच, वह कथित तौर पर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में कम से कम 12 अपराधों में शामिल था। उसे पहले राजस्थान पुलिस ने 29 अप्रैल, 2016 को जयपुर के भगरोता से उसके पांच साथियों सचिन, गुलशन, गजराज, पंकज और परमजीत के साथ गिरफ्तार किया था। डोजियर के मुताबिक उस पर 2019 में दिल्ली पुलिस विशेष प्रकोष्ठ ने मकोका के तहत मामला दर्ज किया था।

2020 में हुआ फरार

2020 में सांगवान को एक महीने के पैरोल पर रिहा किया गया था और इस दौरान वह ब्रिटेन भागने में सफल रहा। सांगवान ने उत्तर प्रदेश के बरेली से फर्जी पासपोर्ट बनवाया। थाईलैंड के रास्ते दुबई पहुंचा और इसके बाद ब्रिटेन जाकर बस गया। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने उस पर फर्जी पासपोर्ट हासिल करने और देश से भागने के लिए धोखाधड़ी और जालसाजी करने का भी मामला दर्ज किया है।

कपिल सांगवान का गैंग

डोजियर के अनुसार, सांगवान के गिरोह में विपिन उर्फ जूडू, अनिल शर्मा उर्फ पोदी, विक्की उर्फ खाडू, अमित दहिया, प्रशांत गुलिया, वासुदेव उर्फ वासु और कृष्ण कुमार उर्फ अंकुश काम करते हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सांगवान दक्षिण पश्चिम दिल्ली में व्यापारियों से पैसे वसूल कर कुख्यात हुआ। इस समय उसका गिरोह जबरन वसूली और सुपारी हत्याओं में संलिप्त है।

(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 29 February 2024 at 21:26 IST