अपडेटेड 14 July 2025 at 18:52 IST

Operation Kalnemi: कौन था कालनेमि? जिसके नाम पर उत्तराखंड में शुरू हुआ ऑपरेशन; फर्जी बाबाओं की परत-दर-परत खुल रही कलई

उत्तराखंड में 'आपरेशन कालनेमि' के तहत फर्जी बाबाओं की धरपकड़ जारी है। 'आपरेशन कालनेमि' के तहत 11 जुलाई 2025 को थाना सहसपुर पुलिस ने साधु-संतो के भेष में घूम रहे एक संदिग्ध व्यक्ति रूकन रकम उर्फ शाह आलम, पुत्र आबूर, निवासी ढाका, बांग्लादेश, उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में उसके बांग्लादेशी नागरिक होने तथा अवैध रूप से भारत में रहने की जानकारी मिला है।

Follow :  
×

Share


Operation Kalnemi | Image: Republic

Operation Kalnemi: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में 'आपरेशन कालनेमि' चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 200 से ज्यादा फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है। उत्तराखंड से भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा बांग्लादेश के नागरिक भी पकड़े जा रहे हैं जो फर्जी बाबा बनकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।

उत्तराखंड नें ढोंगी बाबाओं की धरपकड़ के लिए चलाये जा रहे 'आपरेशन कालनेमि' के तहत 11 जुलाई 2025 को थाना सहसपुर पुलिस ने साधु-संतो के भेष में घूम रहे एक संदिग्ध व्यक्ति रूकन रकम उर्फ शाह आलम, पुत्र आबूर, निवासी ढाका, बांग्लादेश, उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार किया गया था, जिससे पूछताछ में उसके बांग्लादेशी नागरिक होने तथा अवैध रूप से भारत में रहने की जानकारी मिला है। आरोपी के खिलाफ थाना सहसपुर पर विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।

'आपरेशन कालनेमि' के तहत अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार

आरोपी के पास से पुलिस को उसके बांग्लादेशी नागरिक होने सम्बन्धित कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ था। पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण में विदेश मंत्रालय के माध्यम से बांग्लादेश सरकार से सम्पर्क कर अभियुक्त रूकन रकम के बांग्लादेशी नागरिक होने संबंधी दस्तावेज प्राप्त किये गये हैं, जिसमें आरोपी के जिला तंगेल के होने की जानकारी प्राप्त हुई। जिसके आधार पर आरोपी के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही के बाद उसे बांग्लादेश डिपोर्ट किया जायेगा।

कौन था कालनेमि?

कालनेमि रामायण में एक राक्षस था जिसे रावण ने हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए साधु के भेष में बिठा दिया था। रामायण के मुताबिक, जब युद्ध के दौरान मेघनाथ के शक्तिबाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए और तो उनके उपचार के लिए सुशैण वैध ने संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा। जिसे लेने के लिए हनुमान जी पवन वेग से जा रहे थे तभी कालनेमि साधु के भेष में राम नाम का संकीर्तन करने लगा और हनुमान जी को विश्राम करने के लिए कहने लगा। हनुमान जी वहां पर रुके और सरोवर में स्नान करने गए, जल में स्नान करते समय उनका सामना एक मगरमच्छ से हुए जिसका वध करने बाद उन्हें पता चला है कि ये जो साधु के भेष में बैठा वो रावण का भेजा हुआ राक्षस कालनेमि है। जिसके बाद हनुमान जी ने उसका वध करके उसे मुक्ति दी। 

इसे भी पढ़ें: UP: धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा का क्या है अतीक अहमद कनेक्शन?

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 14 July 2025 at 18:52 IST