अपडेटेड 3 September 2024 at 12:23 IST

कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का धरना प्रदर्शन जारी, पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग पर अड़े

जूनियर डॉक्टरों ने अवरोधक पर रीढ़ की हड्डी का ढांचा और लाल गुलाब रखा था। उन्होंने दावा किया कि यह ढांचा इस बात पर जोर देने के लिए रखा गया है कि नागरिकों की सुरक्षा करना पुलिस बल का कर्तव्य है।

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doctors protest in kolkata | Image: X

Kolkata News: पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग को लेकर लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक रैली निकालने वाले विभिन्न मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने बीबी गांगुली स्ट्रीट पर अपना धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रखा। जूनियर डॉक्टर आगे मार्च निकालने से रोके जाने के बाद सोमवार रात बीबी गांगुली स्ट्रीट पर धरने पर बैठ गए थे।

डॉक्टरों के साथ कई आम नागरिक और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र भी मार्च में शामिल हुए। उन्होंने पूरी रात बीबी गांगुली स्ट्रीट पर गुजारी। बीबी गांगुली स्ट्रीट लालबाजार से करीब आधा किलोमीटर दूर है।

कोलकाता पुलिस ने बीबी गांगुली स्ट्रीट पर बड़ी संख्या में अवरोधक लगाए हैं। अधिकारियों की एक बड़ी टुकड़ी अवरोधक के दूसरी तरफ तैनात है। अवरोधकों को जंजीरों से बांधकर उनमें ताला लगाया गया है।

जूनियर डॉक्टरों ने अवरोधक पर रीढ़ की हड्डी का ढांचा और लाल गुलाब रखा था। उन्होंने दावा किया कि यह ढांचा इस बात पर जोर देने के लिए रखा गया है कि नागरिकों की सुरक्षा करना पुलिस बल का कर्तव्य है।

एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह हमारी योजना में शामिल नहीं था। हम नहीं जानते थे कि कोलकाता पुलिस इतनी डरी हुई है कि उसने हमें रोकने के लिए नौ फुट ऊंचे अवरोधक लगा रखे हैं। जब तक हमें लालबाजार जाने और पुलिस आयुक्त से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। तब तक हम यहीं धरने पर बैठे रहेंगे।’’ प्रदर्शनकारी पीड़िता को न्याय और सभी की सुरक्षा की मांग को लेकर लगातार नारे लगा रहे थे।

डॉक्टरों ने सोमवार को दोपहर दो बजे लालबाजार की दिशा में अपना मार्च शुरू किया था। प्रदर्शनकारियों ने गोयल की तस्वीर और उनके इस्तीफे की मांग वाली तख्तियां थाम रखी थीं।

बीबी गांगुली स्ट्रीट पर रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त का पुतला भी जलाया। उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के अपराधियों के लिए कठोर सजा की मांग करते हुए नारे भी लगाए।

डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि नौ अगस्त को युवा डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या की घटना की जांच के दौरान पुलिस ने उचित कदम नहीं उठाए। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बाद में मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 3 September 2024 at 12:23 IST