अपडेटेड 21 May 2025 at 14:30 IST
Jyoti Malhotra: पाकिस्तान से आया परिवार, कभी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर किया काम... ज्योति के PAK कनेक्शन की पूरी कुंडली
ज्योति मल्होत्रा का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था ये वही जगह है, जो कभी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ रहा है और जिसे भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत निशाना बनाया था। आजादी के समय जब उपमहाद्वीप का बंटवारा हुआ, तब हजारों परिवारों की तरह ज्योति का परिवार भी भारत आ गया।
Youtuber Jyoti Malhotra History Family Pakistan Connection: हरियाणा की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा की ज़िंदगी एक आम लड़की की तरह शुरू हुई। एक समय में होटल में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करने वाली ज्योति की जिंदगी ने तब करवट ली जब वो पैसों की तंगी और निजी संघर्षों से जूझ रही थी। यही मोड़ उसकी ज़िंदगी को उस दिशा में ले गया जिसकी कल्पना शायद उसने भी नहीं की थी। हाल ही में ज्योति को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वह संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंटों तक पहुंचा रही थी। यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। ऐसा समझा जा रहा है कि सोशल मीडिया और पैसे का लालच इस पूरी कहानी की शुरुआत का कारण बने। धीरे-धीरे संपर्क बने, भरोसा जीता गया और फिर उसे ऐसे जाल में फंसा लिया गया जहां से लौटना आसान नहीं था।
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का यह कदम न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उस देश के साथ भी विश्वासघात है जिसने उसे पहचान दी, शिक्षा दी और जीने का आधार दिया। यह एक कड़वी सच्चाई है कि कभी-कभी छोटी सी चूक या लालच, किसी की ज़िंदगी को अंधेरे में धकेल सकती है। फिलहाल ज्योति को लेकर जांच जारी है और कानून अपना काम कर रहा है। इस बीच, यह मामला समाज और सरकार दोनों के लिए एक गंभीर सवाल भी छोड़ता है कि क्या हम अपने युवाओं को पर्याप्त मार्गदर्शन और अवसर दे पा रहे हैं? ज्योति मल्होत्रा आज जासूसी के आरोपों में गिरफ्त में है, लेकिन उसकी कहानी महज एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक जटिल पारिवारिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की परछाई भी साथ लिए हुए है।
ज्योति के परिवार का क्या है पाकिस्तानी कनेक्शन?
ज्योति का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था। येवही बहावलपुर, जो कभी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ रहा है और जिसे भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत निशाना बनाया था। आजादी के समय जब उपमहाद्वीप का बंटवारा हुआ, तब हजारों परिवारों की तरह ज्योति का परिवार भी भारत आ गया। उनके दादा बहावलपुर छोड़कर पंजाब के फरीदकोट में बसे, और बाद में हरियाणा के हिसार में जीवन शुरू किया। हिसार के सिविल अस्पताल में ज्योति के दादा को नौकरी मिल गई थी, जिससे परिवार को स्थायित्व मिला। लेकिन समय के साथ पीढ़ियां बदलीं, और आर्थिक व सामाजिक बदलावों के बीच ज्योति की परवरिश हुई। उसके पिता कम पढ़े-लिखे थे, और परिवार सीमित साधनों में जीवनयापन करता रहा।
देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान से आया था परिवार
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप है। लेकिन इस पूरे मामले की तह में एक ऐसा पारिवारिक इतिहास छिपा है, जिसकी शुरुआत उस ज़माने से होती है जब देश का बंटवारा हुआ था। ज्योति का खानदान मूल रूप से पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था वही बहावलपुर, जो बाद में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना बना और जिसे भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत निशाना बनाया। आज़ादी और बंटवारे के दौरान जब लाखों परिवार अपनी जड़ों से उजड़कर भारत आए, उन्हीं में से एक था ज्योति का परिवार। उनके दादा बहावलपुर से पलायन कर पंजाब के फरीदकोट में बसे और फिर कुछ वर्षों बाद हरियाणा के हिसार आ गए। हिसार में ज्योति के दादा को सिविल अस्पताल में नौकरी मिली, जिससे परिवार को स्थिरता और एक नई शुरुआत मिली। ज्योति का पालन-पोषण इसी माहौल में हुआ। उसके पिता कम पढ़े-लिखे थे,और परिवार सीमित संसाधनों के साथ जिंदगी गुजार रहा था।
ज्योति ने रिसेप्शनिस्ट के तौर पर शुरू किया करियर
ज्योति ने अपनी पढ़ाई के बाद रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया था, लेकिन बाद में हालात ने उसे एक अलग राह पर धकेल दिया। अब सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वह भारत की संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचा रही थी। हालांकि उसकी पारिवारिक जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी थीं, पर यह सोचना जल्दबाज़ी होगा कि यह संबंध ही उसके इस कदम के पीछे की वजह हैं। यह मामला कई बड़े सवाल खड़े करता है, क्या यह मामला सिर्फ लालच का था? क्या सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए उसे फंसाया गया? या फिर कहीं उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और पहचान का फायदा उठाया गया? इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है। लेकिन ज्योति की कहानी एक बार फिर हमें यह याद दिलाती है कि इतिहास की परछाइयाँ कभी-कभी वर्तमान में गहराई से असर डालती हैं, और यह भी कि आज के युवाओं को ठोस मार्गदर्शन और डिजिटल जागरूकता की कितनी ज़रूरत है?
भारत से पाकिस्तान तक कैसे पहुंची ज्योति?
ज्योति सोशल मीडिया पर ट्रैवलिंग वीडियो बनाकर अपनी पहचान बना रही थी। नए अनुभवों और देशों की तलाश में उसने पाकिस्तान जाने की योजना बनाई और वीज़ा के लिए आवेदन किया। यहीं से उसकी जिंदगी एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई। वीज़ा प्रक्रिया के दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान के उच्चायोग में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी एहसान-उर-रहमान अलियास ‘दानिश’ से हुई। शुरुआती बातचीत धीरे-धीरे नजदीकियों में बदल गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक दानिश ने उसे भावनात्मक रूप से प्रभावित किया और कथित तौर पर प्रेमजाल में फंसा लिया। इसी संबंध के चलते ज्योति को पाकिस्तान यात्रा का मौका मिला और वह एक नहीं, बल्कि दो बार वहां गई। इन दौरों के दौरान उसने दानिश की पत्नी से भी मुलाकात की और यहां तक कि पाकिस्तानी नेता मरियम नवाज़ शरीफ से भी मिलवाया गया। लेकिन असल खेल तब शुरू हुआ जब उसका संपर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से करवाया गया। जांच एजेंसियों के अनुसार, यहीं से उसे भारत से संवेदनशील जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई। एक यूट्यूबर से एक संदिग्ध एजेंट बनने का यह सफर आधुनिक डिजिटल युग के खतरों और भावनात्मक शोषण की भयावह मिसाल बन गया है। जहां एक ओर सोशल मीडिया युवाओं को अवसर दे रहा है, वहीं दूसरी ओर यह उन्हें ऐसे लोगों के जाल में भी फंसा सकता है जो उनके सपनों और कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। सुरक्षा एजेंसियां हर पहलू को खंगाल रही हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 13:42 IST