अपडेटेड 20 April 2025 at 10:58 IST

J&K Landslide: किश्तवाड़ में भीषण भूस्खलन, अचानक पहाड़ी दरकने से मिट्टी और पत्थर का सैलाब; सामने आया भयावह VIDEO

J&K Landslide: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से लैंडस्लाइड की बेहद डरावनी तस्वीर सामने आई है। यहां भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं।

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J&K Landslide: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से लैंडस्लाइड की बेहद डरावनी तस्वीर सामने आई है। इसके चलते इलाके में आवाजाही बंद हो गई है। फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। गनीमत रही कि जिस समय पहाड़ी दरकी, उस वक्त वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। अगर ऐसा होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

जानकारी के अनुसार, नागसेनी तहसील के पाथर निक्की में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसकी वजह से इलाके में खतरा बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि अचानक पहाड़ी दरकने से सड़के बंद हो गई हैं। भूस्खलन का वाीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से पहाड़ का एक हिस्सा धूल के गुबार के साथ दरकता हुआ नजर आ रहा है। लैंडस्लाइड की वजह से आवाजही प्रभावित बताई गई है।

प्रशासन की ओर से बरता जा रहा एहतियात 

वहीं किश्तवाड़ में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन की ओर से एहतियात बरता जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को जानकारी दी कि भूस्खलन के मद्देनजर तकरीबन 22 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि मचैल माता मंदिर को जोड़ने वाले किश्तवाड़-पेडर मार्ग भी 19 अप्रैल को लगातार तीसरे दिन आवाजाही बंद रखी गई थी।

‘लोगों की सुरक्षा के लिए इंतजाम’

जिला विकास आयुक्त राजेश कुमार शवन ने किश्तवाड़-पेडर रोड के साथ सिंगराह नाला, पाथर निक्की में लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। नागसिनी के तहसीलदार मोहम्मद रफी नाइक ने एजेंसी से बातचीत में बताया कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए गए हैं। पहाड़ी पर रहने वाले करीब 22 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। इसके अलावा उनके रहने के लिए तंबू और राशन-पानी मुहैया कराया जा रहा है।

'भूस्खलन संभावित क्षत्रों पर रखी जा रही नजर'

मोहम्मद रफी नाइक ने आगे बताते हुए कहा कि लैंडस्लाइड की वजह से किसी घर में दरारें नहीं पड़ी हैं। लेकिन लोगों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। ऐसे में भूस्खलन संभावित क्षत्रों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि जमीन धंसने के चलते सड़का का 200 मीटर से ज्यादा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं जिसकी वजह से सड़कों से पत्थर हटाने में मुश्किलें पैदा हो रही हैं। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 10:37 IST