अपडेटेड 26 December 2024 at 18:01 IST
Jharkhand: ये कैसा स्कूल: ना सिलेंडर, ना चूल्हा बच्चे भी नदारद...,रसोइये ने किताब जला-जलाकर ही बना दी मिड डे मील
झारखंड के गोड्डा जिले के बोआरिजोर अंचल के एक स्कूल से ऐसा वीडियो सामने आया है जो झारखंड में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, लेकिन जब उसी मंदिर में ज्ञान के प्रतीक-किताबों को ही जला दिया जाए तो आप क्या कहेंगे? ये सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी मगर यही सच्चाई है। झारखंड के गोड्डा जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां मिड डे मील किताबों को जलाकर बनाया जाता है। स्कूल में ना सिलेंडर की और ना ही चूल्हे की व्यवस्था है। रसोइया की किताबों को जलाकर मिड डे मील बनाते हुए वीडियो भी सामने आया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
गोड्डा जिले के बोआरिजोर अंचल के एक स्कूल से ऐसा वीडियो सामने आया है जो झारखंड में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है। यह मामला राजकीय कृत मध्य विद्यालय लोहांडिया बाजार की है, जहां बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए उपयोग होने वाली किताबों को जलाकर मिड डी मील बनाया जाता। यह घटना बेहद चिंताजनक है और शिक्षा विभाग की लापरवाही का खुला प्रमाण है। वीडियो में महिला रसोइया किताबों को जलाकर मध्याह्न भोजन बनाते नजर आ रही है, उनके पास एक दो स्कूली बच्चे भी हैं जो किताबों को फाड़ने में मदद कर रहे हैं।
राज्य सरकार के दावों की खुली पोल
राज्य सरकार दावा करती है कि खाना बनाने के लिए सरकार ने विद्यालयों में गैस सिलेंडर और चूल्हे की व्यवस्था की है, ताकि रसोई का काम सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हो सके। इसके बावजूद इस विद्यालय में खाना लकड़ी और किताबों को जलाकर बनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार लापरवाही किसकी है? रसोइया को इस प्रकार की लापरवाही की अनुमति किसने दी? क्या स्कूल में वाकई सरकार की ओर से सारी व्यवस्था की गई है या फिर प्रशासन की उदासीनता का यहा परिणाम है?
स्कूल से शिक्षक थे नदारत
सवाल तो कई उठते हैं क्योंकि यह न केवल शिक्षा का अपमान है, बल्कि उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है, जो इन किताबों के माध्यम से अपनी जिंदगी को संवारने का सपना देखते हैं। यहां शिक्षकों की भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। इस काम को रोकने की जिम्मेदारी वहां के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भी बनती है। मगर स्कूल में शिक्षक से लेकर छात्र तक नदारत नजर आए। गिनी चुनी कक्षाओं में छात्र नजर आए वो भी बिना शिक्षक के।
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है। लोगों ने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए। यह घटना न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्रशासन की लापरवाही कैसे बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल सकती है। जरूरत है कि प्रशासन ऐसे मामलों पर तत्काल कार्रवाई करे, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे और शिक्षा का सम्मान बरकरार रखा जा सके। पूरे मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू से लगातार संपर्क करने का प्रयाश किया गया। पर अधिकारी से किसी भी तरीके से संपर्क नहीं हो पाई।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 26 December 2024 at 17:56 IST