अपडेटेड 27 November 2024 at 15:11 IST

जम्मू: स्कूली छात्रों को टीचर ने बेरहमी से पीटा, माथे पर तिलक लगाकर आने से थी दिक्कत

मिली जानकारी के मुताबिक, टीचर नेे बच्चों की पिटाई सिर्फ इसलिए की क्योंकि वो बच्चे स्कूल में तिलक लगाकर जाते हैं।

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स्कूली छात्रों को टीचर ने बेरहमी से पीटा | Image: Shutterstock / Representative

जम्मू के सरकारी स्कूल में छात्रों की पिटाई का मामला सामने आया है, मिली जानकारी के मुताबिक, टीचर नेे बच्चों की पिटाई सिर्फ इसलिए की क्योंकि वो बच्चे स्कूल में तिलक लगाकर जाते हैं। माथे पर तिलक होने की वजह से शिक्षक ने उनकी पिटाई कर दी। बताया जा रहा है कि इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें, टीचर कैमरे में कैद होने पर खुद को बचाता नजर आ रहा है। 

फिलहाल वीडियो सामने आने के बाद आगे की जांच की जा रही है। वहीं कुछ महीने पहले बिहार के बक्सर से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें पांचवी क्लास के छात्र ने स्कूल के शिक्षक पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर औधोगिक थाने में लिखित शिकायत की गई है। 

राजौरी में सामने आई थी ऐसी ही घटना 

इसके अवाला, साल 2022 में भी जम्मू-कश्मीर से ऐसा ही एक मामला सामने आया था, राजौरी जिले के एक स्कूल में वारदात सामने आई थी। नवरात्रि के मौके पर तिलक लगाकर स्कूल पहुंचने पर शिक्षक ने छात्रा की बेरहमी से पिटाई कर दी। बताया गया है कि छात्रा के सिर, माथे और शरीर पर चोट के गंभीर निशान मिले। जिसके बाद आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया।

नाबालिग को टीचर निसार ने पीटा था

जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली लड़की के परिवार ने आरोप लगाया कि चल रहे नवरात्रि के दौरान माथे पर तिलक लगाकर स्कूल पहुंचने पर उसकी नाबालिग बेटी को शिक्षक निसार अहमद ने बुरी तरह पीटा। आरोपों को संज्ञान में लेते हुए राजौरी के अतिरिक्त उपायुक्त ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। साथ ही घटना की जांच के आदेश भी दे दिए गए। लड़की के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस तरह की घटनाएं एक बुरी मिसाल कायम करेंगी क्योंकि आम लोग धर्म के लिए लड़ेंगे जो समाज के लिए बुरा होगा। उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि अगर धर्म के नाम पर इस तरह की बात जारी रही तो हम सब एक-दूसरे का सिर फोड़ देंगे।' 

बता दें स्कूल में किसी भी बच्चे को चोट पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है और भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 325, 352 और 506 के तहत आरोपी के लिए सजा का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 की धारा 23 में कहा गया है कि बच्चे पर हमले के आरोपी को जेल या फिर जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 27 November 2024 at 12:24 IST