अपडेटेड 8 January 2025 at 15:11 IST

Jammu Kashmir Weather: कश्मीर में ठंड बढ़ी, न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे गिरा

कश्मीर घाटी में संक्षिप्त राहत के बाद ठंड बढ़ गई है और रात का तापमान शून्य से नीचे चला गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने बताया कि आसमान साफ ​​होने के कारण घाटी में रात का तापमान हिमांक बिंदु से नीचे चला गया है।

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Jammu Kashmir Snowfall | Image: Republic

कश्मीर घाटी में संक्षिप्त राहत के बाद ठंड बढ़ गई है और रात का तापमान शून्य से नीचे चला गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने बताया कि आसमान साफ ​​होने के कारण घाटी में रात का तापमान हिमांक बिंदु से नीचे चला गया है।श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के 0.9 डिग्री सेल्सियस से कम है। शहर में सुबह तेज धूप निकली।

उत्तरी कश्मीर में स्कीइंग गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुलमर्ग घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 9.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। गुलमर्ग में पिछली रात न्यूनतम तापमान शून्य से 6.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविरों में से एक पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। पिछली रात यह आंकड़ा शून्य से 7.8 डिग्री सेल्सियस नीचे था।

अलग-अलग शहरों के तापमान

घाटी के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पंपोर शहर के कोनीबल में न्यूनतम तापमान शून्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में पारा शून्य से 1.9 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में मुख्य रूप से शुष्क मौसम का अनुमान जताया है। साथ ही विभाग ने शनिवार को छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है।

चिल्ला-ए-कलां 30 जनवरी को होगा समाप्त

विभाग ने यह भी कहा कि घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है और आने वाले कुछ दिनों में अलग-अलग स्थानों पर शीतलहर चलने का अनुमान है।कश्मीर इस समय 'चिल्ला-ए-कलां' की चपेट में है, जो सर्दियों का सबसे कठोर दौर होता है। यह 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। 'चिल्ला-ए-कलां' के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान में काफी गिरावट आती है। 'चिल्ला-ए-कलां' 30 जनवरी को समाप्त होता है। इसके बाद 20 दिनों का 'चिल्ला-ए-खुर्द और 10 दिनों का 'चिल्ला-ए-बच्चा होता है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 8 January 2025 at 15:11 IST