अपडेटेड 16 August 2024 at 15:43 IST

370 हटने के बाद J-K में पहली बार चुनाव, 90 सीट को लेकर 11838 पोलिंग स्टेशन, EC ने क्या-क्या बताया?

जम्मू कश्मीर के 20 जिलों में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से सामान्य वर्ग के लिए 74, एसटी के लिए 9 और एससी के लिए 7 सीटें आरक्षित हैं।

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Election Commission, elections, Jammu Kashmir | Image: Video Grab

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों का इंतजार अब खत्म हो गया है। आर्टिकल 370 हटने और राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव आयोग आज चुनाव की तारीखों की घोषणा कर रहा है। चुनाव आयोग ने बताया कि पिछले दिनों टीम जम्मू-कश्मीर चुनाव तैयारियां का हाल में जायजा लिया। लोकतंत्र में प्रतिभाग करने की लायक दिखाई दे रही थी। सभी की इच्छा थी कि जल्द चुनाव हों।

केंद्र शासित राज्य में चुनावों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर के 20 जिलों में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से सामान्य वर्ग के लिए 74, एसटी के लिए 9 और एससी के लिए 7 सीटें आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में कुल मतदाताओं की संख्या 87.09 लाख है। इनमें से पुरुष मतदाता 44.46 लाख, महिला मतदाता 42.62 लाख और फर्स्ट टाइम वोटर्स (18-19 साल उम्र) 3.71 लाख हैं। 20 से 29 की उम्र के युवा वोटर्स की संख्या 20.7 लाख है।

हमें उम्मीद बिना डर के वोटिंग होनी चाहिए- ECI

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटिंग के प्रति लोगों में उत्साह है। हमें उम्मीद है ज्यादा वोट पड़ेंगे। हमें उम्मीद बिना डर के वोटिंग होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 90 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के लिए 9169 जगहों पर 11838 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें से 90 पोलिंग बूथों को महिलाएं संभालेंगी, जबकि 360 मॉडल पोलिंग बूथ होंगे।

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2014 में हुए थे पिछली बार चुनाव

2019 में क्षेत्र का विशेष दर्जा खत्म होने और इसका राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद ये पहला चुनाव होगा। अब केंद्र शासित राज्य परिसीमन के बाद 90 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में हुए थे। चुनाव के बाद, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई, जिसमें मोहम्मद मुफ्ती मुख्यमंत्री बने। 7 जनवरी 2016 में मुख्यमंत्री मोहम्मद मुफ्ती का निधन हुआ था। राज्यपाल शासन की एक छोटी अवधि के बाद महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हालांकि बाद जून 2018 में बीजेपी ने पीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। उसके बाद से ही जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 16 August 2024 at 15:43 IST