अपडेटेड 20 May 2025 at 23:57 IST
खीर भवानी मंदिर की क्या है मान्यता? जहां जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने टेका मत्था
जम्मू-कश्मीर के खीर भवानी मंदिर में सीएम उमर अब्दुल्ला ने मत्था टेका। कश्मीरी पंडितों के लिए इस मंदिर का खास महत्व है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल जिले के सुप्रतिष्ठित खीर भवानी मंदिर में माथा टेका। बता दें, कश्मीरी पंडितों के लिए यह मंदिर खास महत्व रखता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस साल जून के पहले हफ्ते में मंदिर में मेला आयोजित किया जा सकता है। कहा जाता है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी पंडित मेले में शामिल होने के लिए आते हैं।
वहीं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की। सोशल मीडिया पर लोग सीएम अब्दुल्ला के इस कदम की खूब तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह कश्मीर के लोगों की एकता और शांति के लिए एक जरूरी सराहनीय कदम है। वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा-अर्चना की।
खीर भवानी मंदिर का है खास महत्व
खीर भवानी के बारे में कहा जाता है कि यह कश्मीरी पंडितों के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व से जुड़ा है। खीर भवानी मंदिर को शांति का प्रतीक माना जाता है। इसे कश्मीर के सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी माना जाता है।
पहलगाम हमले पर क्या था सीएम उमर का बयान?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदुओं पर हुए हमले को लेकर सीएम उमर ने पाकिस्तान और उसके पोषित आतंकियों की जमकर आलोचना की थी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भावुक होकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक गहरा जख्म है। हम में से कोई भी इस हमले के साथ नहीं है। इसने हमें अंदर से खोखला कर दिया है। 26 सालों में पहली बार मैंने देखा है कि लोग इस कदर गुस्से और दुख के साथ घरों से बाहर निकल आए हैं।"
ये हमला आम जनता की आत्मा पर किया गया- CM उमर
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बताया कि कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, जम्मू से श्रीनगर तक हर गांव, हर कस्बे में आम जनता ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। यह सिर्फ एक राजनीतिक या प्रशासनिक मुद्दा नहीं है। यह आम जनता की आत्मा पर किया गया हमला है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 20 May 2025 at 23:57 IST