अपडेटेड 18 February 2024 at 15:22 IST

जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ‘सल्लेखना’ के जरिए देह त्यागी

जाने-माने जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके रविवार को देह त्याग दी।

Follow :  
×

Share


आचार्य विद्यासागर जी महाराज | Image: X

जाने-माने जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके रविवार को देह त्याग दी।

चंद्रगिरि तीर्थ की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘सल्लेखना’ जैन धर्म में एक प्रथा है, जिसमें देह त्यागने के लिए स्वेच्छा से अन्न-जल का त्याग किया जाता है।

बयान के अनुसार, आचार्य विद्यासागर महाराज ने देर रात 2:35 बजे ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके देह त्याग दी।

इसमें कहा गया, ‘‘महाराज जी डोंगरगढ़ में ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में छह माह से रह रहे थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। तीन दिन से वह सल्लेखना का पालन कर रहे थे और उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया हुआ था।’’

लोगों के दर्शनों के लिए उनकी अंतिम यात्रा अपराह्न निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में किया जाएगा।

पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को डोंगरगढ़ गए थे और उन्होंने आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जैन मुनि के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी की डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में समाधि लेने का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश और दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से समृद्ध करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश और समाज के लिए उनके अनुकरणीय कार्यों, त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक याद किया जाएगा। मैं उनके चरणों में शीश नवाता हूं।’’

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 18 February 2024 at 15:22 IST