अपडेटेड 21 October 2023 at 07:52 IST
गगनयान की टेस्ट लैंडिंग के साथ ही सुर्खियों में 'व्योममित्र', दूसरे मिशन से है कनेक्शन खास
ISRO गगनयान के दूसरे मिशन में व्योममित्र भी जाएंगी। कौन हैं ये?
ISRO Lady Robot Vyommitra: व्योममित्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) की बनाई पहली महिला ह्यूमनॉइड (इंसान जैसी दिखने वाली रोबोट) है। जो दूसरे फ्लाइट मिशन में कई तरीके से इसरो की मदद करेगी।
खबर में आगे पढ़ें-
- कैसी दिखती है व्योममित्र?
- इसरो को कैसे मिलेगी मदद?
- क्यों मिला बेस्ट स्पेस ह्यूमनॉइड रोबोट का खिताब?
इसरो की व्योममित्र
व्योम मित्र दो शब्दों को मिलाकर बना है। व्योम यानि आकाश और मित्र यानि दोस्त। मतलब आसमान में पहुंचकर बतौर दोस्त जमीन पर वैज्ञानिकों को बारीकियां समझाएगी। 21 अक्टूबर को जब इसरो अंतरिक्ष में सफलता की नई कहानी लिख रहा होगा, तब व्योममित्र दूसरे मिशन के लिए खुद को तैयार कर रही होगी। यह इंसान का प्रोटोटाइप है यानि मानव जैसी दिखने वाली रोबोट। इसे मानवरहित मिशन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
कैसी है वैज्ञानिकों की दोस्त?
व्योममित्र एक अर्ध-मानव जैसी है जिसके निचले अंग नहीं हैं। एआई-सक्षम रोबोट है जिसे डिजाइन ही कुछ ऐसे किया गया है कि ये मीलों की उड़ान भरते समय कंपन और झटकों को झेल ले। खास बात ये भी है कि इस शुद्ध देसी रोबोट का चेहरा भाव शून्य नहीं है बल्कि हाव भाव से लबरेज है। बोलती और देखती भी आम इंसान की तरह ही है।
मदद करेगी पर कैसे?
इसरो के मुताबिक, व्योममित्र की मदद से इंटीग्रेटेड एयर ड्राप, पैड अबार्ट टेस्ट और टेस्ट व्हिकल फ्लाइट्स के ऑपरेशन को समझने में मदद मिलेगी। इसके जरिए जो भी खामियां होंगी उन्हें सुधारने में मदद मिलेगी। व्योममित्र मॉड्यूल पैरामीटर के जरिए निगरानी ही नहीं रखी जा सकेगी बल्कि अलर्ट भी भेजा जा सकेगा। यह स्विच पैनल संचालन जैसी गतिविधियां ऑपरेट करने में भी माहिर है। बात भी करती है और पूछने पर सवालों के जवाब भी देती है।
दुनिया में बेस्ट
इसरो ने मिशन गगनयान के लिए 24 जनवरी 2020 को ये रोबोट पेश किया था। इसे गढ़ा ही इसलिए गया ताकि इंसानों को भेजने से पहले अंतरिक्ष को ठीक से समझ लिया जाए। इसके जरिए अंतरिक्ष में इंसानों पर पड़ने वाले असर को समझा जा सेकगा। यही वजह है कि इसके काम करने के तरीके को सराहा गया और दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमनॉइड रोबोट के खिताब से नवाजा गया।
गगनयान मिशन के बारे में
इसरो अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। गगनयान के तहत कुल तीन उड़ानें भरी जानी हैं। पहली दो उड़ान में कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं जाएगा। तीसरी उड़ान में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है। 21 अक्टूबर को TV-D1 टेस्ट फ्लाइट के बाद गगनयान कार्यक्रम के तहत तीन और परीक्षण D2, D3 और D4 की प्लानिंग की है।
गगनयान परियोजना 3 दिनों का मिशन है। मिशन के तहत 3 सदस्यों के दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। पहले परीक्षण उड़ान के नतीजों के आधार पर अन्य परीक्षण किए जाएंगे। मॉड्यूल को वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाना है। जिसे बाद में भारतीय नौसेना रिकवर करेगी। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथा देश बन जाएगा।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 21 October 2023 at 07:45 IST