अपडेटेड 18 January 2023 at 20:53 IST
Indian Army का सैन्‍य रणक्षेत्रम 2.0: सेना डिजिटल तरीके से हो रही मजबूत, साइबर सिक्योरिटी के लिए सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन
भारतीय सेना (Indian Army) के ट्रेनिंग कमांड के हेडक्वार्टर (HQ Training Command) ने अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक "सैन्य रणक्षेत्रम 2.0" हैकथॉन (Hackathon) का आयोजन किया।
भारतीय सेना (Indian Army) के ट्रेनिंग कमांड के हेडक्वार्टर (HQ Training Command) ने अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक "सैन्य रणक्षेत्रम 2.0" नाम से हैकथॉन (Hackathon) के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। इस हैकथॉन का उद्देश्य साइबर चुनौतियों (Cyber Threat) का समाधान निकालने के साथ, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नए सॉल्यूशन के जंप स्टार्ट और टेलीस्कोप करना है। इस आयोजन के पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी 2023 को एक वर्चुअल समारोह के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सम्मानित किया।
इस आयोजन का उद्देश्य देश में प्रतिभा की पहचान करना और साइबर डिटरेंस, सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कोडिंग, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ऑपरेशंस (EMSO) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग (AI/ML) के डोमेन में ट्रेनिंग के मानक को बढ़ाने के लिए एक मंच देना था। इसमें भागीदारी सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली थी और लोग पर्सनल, टीम के साथ भाग ले सकते थे। इसके लिए साइबर थ्रेट सेमिनार वर्कशॉप चार उप-घटनाओं के तहत आयोजित की गई, जिसमें कई गतिविधियां शामिल थीं:-
सिक्योर सॉफ्टवेयर कोडिंग
इसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को सुरक्षित करने और सॉफ्टवेयर कोड में साइबर सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम प्रतिभा की पहचान करने के क्षेत्र में शिक्षाविदों के साथ जुड़ना था। कोयम्बटूर के अरविंद हरिहरन एम, साइबर सुरक्षा के एक्सपर्ट, जिनके पास इस क्षेत्र में कई प्रमाणपत्र हैं, उन्होंने इस श्रेणी में पुरस्कार जीता।
ESMO: वाई-फाई 6 के लिए अनुकूलित भारतीय सेना विशिष्ट स्टैक
इस आयोजन का उद्देश्य सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सुरक्षित वाई-फाई स्टैक के भारतीय सेना के स्पेसिफिक वर्जन को लागू करने के लिए एक समाधान तलाशना था। इस श्रेणी में सेना मुख्यालय कम्प्यूटर सेंटर के कमांडेंट कर्नल निशांत राठी विजेता रहे। वर्तमान में एल एंड टी के साथ काम कर रहे सूर्यसारधि बलारकन रनर-अप हैं और तनीषा जोशी, जो डार्क एनर्जी में पीएचडी कर रही हैं, उन्होंने तीसरा पुरस्कार हासिल किया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / मशीन लर्निंग: एनएलपी प्रोसेसिंग और रेडियो इंटरसेप्ट्स का डिकोडिंग
इस आयोजन में कई भाषाओं में चल रहे रेडियो ट्रांसमिशनों के ट्रांसलेशन और डिक्रिप्शन को संबोधित करने के लिए अल स्टैक बनाने में मदद की। इस श्रेणी में ज्ञान माता विद्या विहार, नांदेड़, महाराष्ट्र के 10वीं कक्षा के 15 वर्षीय छात्र मिथिल सालुंखे प्रथम आए। प्रशांत कुमार सिंह, जो पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से बीटेक (CS) हैं और वर्तमान में IIT मद्रास से बीएससी (डेटा साइंस) कर रहे हैं, उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया। वहीं तीसरा स्थान नौसेना अधिकारी, कमांडर सुशांत सरस्वत ने हासिल किया, जो वर्तमान में पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय में तैनात हैं।
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साइबर प्रतिरोध: ध्वज को पकड़ें (Catch The Flag)
मौजूदा साइबर सुरक्षा सेटअप को बढ़ाने के लिए प्रतिभा की पहचान करने के लिए यह एक 7 चरणों वाली साइबर सिक्योरिटी चुनौती थी। इस चुनौती के विजेता हैदराबाद में MVSR इंजीनियरिंग कॉलेज से सक्षम जायसवाल थे। वह अब एक फ्रीलांसर के रूप में काम कर रहे हैं और उनके पास इस क्षेत्र में 15 से अधिक प्रमाण पत्र हैं। दूसरा पुरस्कार प्रिंस कुमार पटेल को मिला, जो आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (AIT) पुणे से बीई (IT) कर रहे हैं। इसके साथ ही बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय से BCA हरदीप सिंह ने तीसरा पुरस्कार जीता है।
साइबर थ्रेट सेमिनार और वर्कशॉप ने इसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों, शिक्षाविदों और संगठनों के स्तरों पर आंतरिक प्रतिभा के साथ जुड़ाव की सुविधा प्रदान की, जिससे डिफेंस फोर्सेस के अंदर और सिवल एकेडेमिक क्षेत्रन में साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में जरूरी प्रतिभा की पहचान हो सके। इन विजेताओं का आने वाले समय में सेना साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में अपग्रेडेड टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे साइबर सिक्योरिटी टूल्स और टेक्नीक का तेजी से विकास हो सकता है।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 18 January 2023 at 20:53 IST