अपडेटेड 16 January 2023 at 17:12 IST
समय के साथ बढ़ रही चुनौतियों के लिए तैयार है Indian Army, परिवर्तन के इन 5 स्तंभों पर कर रही है काम
भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए एक युवा, आधुनिक, तकनीकि रूप से सक्षम, शक्तिशाली और तत्पर सेना के रूप में परिवर्तित हो रही है।
आजादी के पहले और बाद से भारतीय सेना लगातार अपने शौर्य का प्रदर्शन करती रहती है। सेना ने हर समय हर मोर्चे पर अपने दुश्मनों को धूल चटाई है, चाहे दुश्मन कोई इंसान हो या प्राकृतिक बाधा, लड़ाई के मैदान में हो या पहाड़ और नदी का टूटा हुआ हिस्सा, अपनी जमीन बचाने की जंग हो या किसी की जान। सेना ने हर समय हर परिस्थिति में अपने आप को साबित किया है। देश की रक्षा हो या देश के सीमाओं से परे जाकर दुश्मनों को धूल चटाना हो, या फिर देश के अंदर सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना हो, हमें हर समय सेना का शौर्य देखने को मिलेगा।
समय के साथ सेना अपने इसी शौर्य को सेना टेक्नोलॉजी से अपग्रेड कर रही है। भारतीय सेना ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है, इस वीडियो में सेना ने अपने फ्यूचर टेक्नोलॉजी के साथ-साथ आने वाले समय में बढ़ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए हो रही तैयारियों की बात की है। इस वीडियो को सेना दिवस के मौके पर रिलीज किया गया था।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिलीज किए गए इस वीडियो में बताया गया है कि भारतीय सेना अब समय के साथ नई तकनीकि से लैस होने वाली है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, "भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए एक युवा, आधुनिक, तकनीकि रूप से सक्षम, शक्तिशाली और तत्पर सेना के रूप में परिवर्तित हो रही है। इस लक्ष्य को स्वरूप दे रहे हैं भारतीय सेना के परिवर्तन के 5 स्तंभ- आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण, ऑप्टिमाइजेशन और री-स्ट्रक्चरिंग, ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट।"
आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण
Make in India और आधुनिकीकरण से सेना आज आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन रही है। ड्रोन जैसे कई आधुनिक शस्त्र सेना को और मजबूत बना रहे हैं। देश के अंदर बने लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, मिसाइल सिस्टम जैसे- हेलीना, ब्रह्मोस, पिनाका, आकाश, MRSAM, के साथ अर्जुन, K9 वज्र जैसे टैंक सेना के आधुनिकीकरण को ताकत दे रहे हैं। इसके साथ ही सेना ने ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन को भी अपनाया है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और क्वांटम कम्प्यूटिंग, 3D प्रिंटिंग और ऑटोमेटेड अग्निवीर मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (INDRA) जैसे तकनीकि से सेना के सिस्टम और कार्य प्रणाली में बदलाव आ रहा है।
ऑप्टिमाइजेशन और री-स्ट्रक्चरिंग
दुनिया के बदलते माहौल और युद्ध की चुनौतियों को देखते हुए सेना में कई उपयोगी पुनर्गठन हो रहे हैं, जो भारतीय सेना को एक बेहतरीन और युद्ध के लिए तैयार सेना बनी रही है। मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में सेना के लिए Joint Logistics Nodes बनाए गए हैं। इन नोड्स से सेना को हथियारों जैसे- गोला बारूद, राशन, ईंधन कई अहमं लॉजिस्टिक कवर दिए जाएंगे। ये नोड्स सेना के अभियानों के दौरान इंजीनियरिंग सहयोग भी प्रदान करेंगे।
ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेशन
आज के समय में वैश्विक परिदृश्य लगातार बदल रहा है, ऐसे में सेनाओं के लिए युद्ध सहित कई अहम मौकों पर चुनौतियां भी बदल रही हैं। इस साल संपन्न हुए NDA पासिंग आउट परेड के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हिर कुमार ने कहा भी था कि, "आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोनॉमस प्लेटफार्म जैसी टेक्नोलॉजी के आने से सिक्योरिटी सेनारियों जटिल हो रहा है। आने वाले समय में दुनिया अंतरिक्ष, साइबरस्पेस जैसी जगहों पर बात करेगी। आने वाले समय में जमीन, समुद्र, हवा के पारंपरिक सीमाओं से परे भी बातचीत करने की आवश्यकता पड़ेगी।"
ऐसे में सेना भी आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार हो रही है। इसके लिए मित्र देशों के साथ होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज के साथ-साथ सेना के तीनों अंगों के बीच होने वाले आपसी युद्ध अभ्यास भी सेना को मजबूती दे रहे हैं। इसके साथ ही UN Peacekeeping फोर्स में भारतीय सेना की भागीदारी भी हमारे वैश्विक शांतिप्रिय होने का संदेश देते हैं। साथ ही सेना देश की सभी अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर हर संकट का सामना करने के लिए तैयार हो रही है।
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इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
सेना के कई अहम अंग ना केवल सुदूर क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर इन इलाकों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी को बढ़ा रहा है, बल्कि इस भूमि को भारत के अनिय हिस्सों से भी जोड़ रहा है। BRO की ओर से हो रहे सड़कों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण भारत के विकास को बढ़ोत्तरी दे रहा है।
ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट
अग्निपथ योजना के तहत देश के कई ट्रेनिंग सेंटरों में अग्निवीरों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। अग्निवीरों की होने वाली ट्रेनिंग भारतीय सेना में देश की सीमाओं की रक्षा के साथ समाज निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएगी। इसके साथ ही सेना नारी सशक्तिकरण के लिए भी लगातार काम कर रही है। इसके अंतर्गत आर्टिलरी रेजीमेंट में महिलाओं की तैनाती, पहली महिला कॉम्बैट एविएटर, सियाचिन जैसे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में पहली महिला अधिकारी की तैनाती या फिर BRO के अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर जाने वाली पहली महिला अधिकारी जैसे कदम काफी महत्वपूर्ण हैं।
इसके साथ ही स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी सेना के जवानों ने देश का नाम ऊंचा किया है। मिशन ओलंपिक के तहत सेना खेल के क्षेत्र में भी खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रही है। गौरतलब है कि भारतीय सेना समय के साथ बदल रही चुनौतियों को देखते हुए आगे बढ़ रही है।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 16 January 2023 at 17:12 IST