अपडेटेड 1 May 2025 at 18:41 IST
Pahalgam: तनाव के बीच भारतीय सेना के लिए खुशखबरी, दुश्मनों के होश उड़ाने वाले ध्रुव हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की मिली परमिशन
ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरों को चार महीने की रोक के बाद सेना और वायुसेना के लिए फिर से मंजूरी मिलना भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
5 जनवरी की दुर्घटना के बाद जो ध्रुव जमीन से बंध गया था, अब वो फिर आसमान छूने को तैयार हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ के सेना और वायुसेना संस्करणों को चार महीने की समीक्षा और तकनीकी सुधारों के बाद एक बार फिर उड़ान की अनुमति मिल गई है। डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन कमेटी की सिफारिशों पर यह फैसला लिया गया है। जो भारत की स्वदेशी रक्षा शक्ति और सिस्टम की जिम्मेदारी का एक बड़ा उदाहरण है।
ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरों को चार महीने की रोक के बाद सेना और वायुसेना के लिए फिर से मंजूरी मिलना भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 5 जनवरी 2025 की दुर्घटना के बाद शुरू हुई जांच और सुधार प्रक्रिया ने हेलीकॉप्टर की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया है।
चार महीने की रोक के बाद फिर भरेगा उड़ान
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव के सेना और वायुसेना वेरिएंट को चार महीने की रोक के बाद फिर से संचालन की मंजूरी मिल गई है। यह निर्णय एक डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन (DI) कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जिसने हेलीकॉप्टरों की तकनीकी खामियों की समीक्षा की थी।
पिछले चार महीनों में, सेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के ध्रुव हेलीकॉप्टरों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया था। इस दौरान HAL और सशस्त्र बलों ने मिलकर तकनीकी समस्याओं का विश्लेषण किया और सुधारात्मक उपाय लागू किए। 11 अप्रैल, 2025 को जारी एक स्पष्टीकरण में HAL ने कहा था कि जांच प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और जल्द ही संचालन शुरू करने की योजना बनाई जाएगी।
मंजूरी और संचालन की योजना
डिफेक्ट इन्वेस्टिगेशन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सेना और वायुसेना के ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरों को फिर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई है। सशस्त्र बलों और HAL के बीच एक समयबद्ध योजना पर सहमति बनी है, जिसके तहत हेलीकॉप्टरों का संचालन चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा। इस योजना में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं।
क्या तकनीकी सुधार किए गए ?
कमेटी ने हेलीकॉप्टरों में कुछ डिजाइन और रखरखाव से संबंधित खामियों की पहचान की थी, जिन्हें HAL ने ठीक कर लिया है. इनमें रोटर सिस्टम, इंजन प्रदर्शन, और एवियोनिक्स से जुड़े सुधार शामिल हैं। पायलट प्रशिक्षण: संचालन शुरू करने से पहले पायलटों को नए सुरक्षा प्रोटोकॉल और उन्नत प्रणालियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
110 करोड़ रुपए की लागत
बतादें ध्रुव एमके-1, पहला एएलएच संस्करण, सेना को 45-50 करोड़ में बेचा गया था, जबकि प्रत्येक ध्रुव एमके-3, जिसमें ग्लास कॉकपिट और एंटी-वाइब्रेशन डैम्पर्स शामिल हैं, की कीमत 70 करोड़ है। समुद्री भूमिका फिटमेंट प्रत्येक ध्रुव एमआर की लागत में अतिरिक्त 40 करोड़ जोड़ते हैं, जिससे कुल लागत लगभग 110 करोड़ रुपए हो जाती है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 18:41 IST