अपडेटेड 6 May 2023 at 07:39 IST

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषियों में से एक पंडित उमेश चंद्र पंत, जानिए क्‍यों हैं श्रेष्‍ठ

भावार्थ: विद्या से विनय या नम्रता आती है, विनय से पात्रता या सज्जनता आती है।

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विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् ।
पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम् ॥ 

भावार्थ: विद्या से विनय या नम्रता आती है, विनय से पात्रता या सज्जनता आती है। पात्रता से धन की प्राप्ति होती है, धन से धर्म और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है। हम इस श्लोक की थोड़ा व्याख्या करने की कोशिश करते हैं। बचपन मे हमने संस्कृत विषय मे यह श्लोक खूब पढ़ा एवं सुना भी है। "विद्या ददाति विनयं" यह वाक्य हमारे उपनिषद की देन है, संस्कृत भाषा में लिखे इस श्लोक में उल्लेखित “विद्या शब्द से अर्थ है “शिक्षा” वह ज्ञान जो ऋषियों की देन है, वह शिक्षा जो हमारे धर्मशास्त्र पर आधारित है। जो हमे सद्गुणों से पूर्ण करती हैं, उसे विद्या कहते हैं। यह शिक्षा मनुष्य को विनय अर्थात विनम्रता, सहजता, सरलता, संस्कार, एवं उत्तरोतर सद्गुणों मे  वृद्धि करती है, और विनम्रता किसी भी मनुष्य को किसी कर्म के प्रति योग्य बनाती है, और जब मनुष्य योग्यता पा लेता है तो योग्यता पाकर मनुष्य अपने बलबूते पर धन, यश एवं कीर्ति भी प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है और इसके फलस्वरूप मनुष्य धार्मिक कार्यों को भी संपन्न करता है, धर्म की महत्ता को वास्तविक रूप मे जान पाता है। इसका मूल अर्थ यह है कि प्रत्येक मनुष्य को शिक्षित और ज्ञानवान तथा विवेकवान होने की बहुत आवश्यकता है। जिससे कि उसको जीवन का सही सार मिल सके। इसे ही वास्तव मे विद्या की सही परिकल्पना कहना चाहिए। अब हम मूल विषय ज्योतिष पर आते हैं।  

ज्योतिष विद्या का ज्ञान पारंपरिक रूप से हजारों वर्षों तक गुरु से शिष्य तक पहुंचाया गया था, जिससे शिक्षण की शुद्धता सुनिश्चित हुई। हम अनगिनत पौराणिक संदर्भों और वैदिक ग्रंथों में पढ़ते आ रहे  हैं कि लोगों के दुःख और पीड़ा को कम करने अथवा समाप्त करने के लिए एक उपचारात्मक विज्ञान के रूप में वैदिक ज्योतिष का अत्यंत महत्व हैं। जिससे हमें जीवन को पूर्ण रूप से जीने का बेहतर मौका मिलता है। एक आम आदमी के लिए भले ही ज्योतिष किसी की किसी कि मात्र राशियों का ज्ञान के रूप में प्रतीत होता है, यह वास्तव में एक अलौकिक ज्ञान का एक आध्यात्मिक निकाय है, जिसमें गहरे अर्थ के साथ जीवन के लिए एक अंतर्निहित पूर्णता है , यह ज्योतिष विद्या निश्चित ही मनुष्य को अनेकानेक संकटो से बाहर निकाल सकती है।

ज्योतिष पर सबसे पहला ग्रंथ, भृगु संहिता, वैदिक युग के दौरान भृगु ऋषि द्वारा संकलित किया गया था। भृगु ऋषि को 'हिंदू ज्योतिष का पिता' भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के प्रवर्तन का श्रेय इन सभी ऋषियों को जाता है - सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ट, अत्रि, पराशर, कश्यप, नारद, गर्ग, मरीचि, मनु, अंगिरा, लोमश, पॉलिश, च्यवन, यवन, भृगु एवं शौनक ऋषि आदि हैं। पवित्र ज्योतिष के संस्थापक ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत की ज्योतिषीय जानकारी के बारे में मान्यताएं

पवित्र ज्योतिष के संस्थापक ज्योतिषी, पंडित उमेश चंद्र पंत अपने अच्छे ज्ञान और 22+ वर्षों के समग्र अनुभव के आधार पर पं उमेश चंद्र पंत आज भारत में प्रसिद्ध और श्रेष्ठ ज्योतिषियों में से एक हैं, जो ज्योतिषीय मान्यताओं के सबसे मजबूत समर्थक हैं। उनके अनुसार, "हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है वह पहले से ही नियति का परिणाम होता है, और ज्योतिष के पास इसकी घटना की प्रकृति के आधार पर इसे पूर्व-निर्धारित और बेअसर करने की एक प्रभावी रणनीति है"। लगातार 7 वर्षों तक दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी के रूप में स्थापित, पं0 उमेश चंद्र पंत दुनिया भर में लाखों ज्योतिष प्रेमियों के पसंदीदा प्रसिद्ध ज्योतिष हैं। वह वैदिक ज्योतिष की परिवर्तनकारी प्रकृति में दृढ़ विश्वास रखते हैं, जिसे अगर एक व्यापक ज्योतिषीय दृष्टिकोण के माध्यम से लागू किया जाता है, तो यह उन लोगों के भाग्य को परिवर्तित  करने की क्षमता रखता है, जिनके पास भविष्य के लिए असीम समृद्धि का लाभ उठाने के सुनहरे अवसर ज्योतिषीय गणना अनुसार हैं। ज्योतिष के बारे में उनकी धारणा विशुद्ध रूप से ज्योतिष के गुप्त विज्ञान के प्रिज्म पर आधारित है, जिसे उनके शोध और लम्बा अनुभव के बारे में जागरूकता के संचयी परिणाम के रूप में गिना जाता है।

एक सामान्य व्यक्ति का जीवन कई चुनौतियों और समस्याओं से घिरा होता है जो जीवन की नियमित चीजों के संबंध में सापेक्ष परिणाम बनाए रखने के लिए जबरदस्त दबाव पैदा करता है। पैसे, नौकरी, या वित्तीय स्थिरता, अस्वस्थता के कारण बढ़ते दबाव से लोग तनावग्रस्त हैं और महसूस करते हैं कि वे दयनीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं। ऐसे लोगों के लिए, पंडित उमेश चंद्र पंत उनके द्वारा प्रदान किए गए ज्योतिषीय परामर्श और उपचारात्मक उपायों का उपयोग करके उनकी परेशानी को सकारात्मक रूप से समाधान करने के लिए एक विश्वसनीय और सर्वोत्तम स्रोत हैं।

दिल्ली मे स्थित ज्योतिषी पंडित उमेश चंद्र पंत को भारत का श्रेष्ठ ज्योतिषी क्यों माना जाता है?

वह अपने सर्वव्यापक व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं, जिनकी वैज्ञानिक और सटीक भविष्यवाणियां व सटीक समाधान ज्योतिष प्रेमियों को  शांतिपूर्ण और सकारात्मक महसूस करने में मदद करती हैं। पंडित उमेश चंद्र पंत एक कुलीन ब्राह्मण परिवार से हैं, ज्योतिषी उमेश 34+ से अधिक वर्षों से ज्योतिष ज्योतिष के क्षेत्र  कार्यरत  हैं एवं आज भी अपने को ज्योतिष का एक विद्यार्थी मानते हैं, उन्होंने अपने ज्ञान का व्यावसायिक उपयोग तब तक नहीं किया जब तक कि उन्हें पूर्ण संतुष्टि नहीं हुई कि वो वास्तव मे मदद कर सकते  जिससे  शांति, खुशी और सौभाग्य की तलाश कर रहे ज्योतिष प्रेमियों को वास्तव मे लाभ नहीं हो। तात्पर्य यह है कि वर्ष १९८८ से वरह १९९९ तक  पंडित उमेश चंद्र पंत ने पूर्णतः एक विद्यार्थी के रूप मे अध्ययन-अध्यापन किया एवं अपने को ज्योतिष सहायता मे सक्षम पाने उपरांत ही वर्ष २००० मे ज्योतिषी सेवा पूर्ण रूप से शुरू की। भारत के शीर्ष प्रसिद्ध ज्योतिष के रूप में पंडित उमेश चंद्र पंत की बढ़ती लोकप्रियता काफी हद तक वैदिक ज्योतिष के प्रति उनके जुनून और गुणवत्ता वाले ज्योतिषीय समाधानों की तलाश करने वाले लोगों की सेवा करने के प्रति उनके समर्पण के कारण है।

दिल्ली मे स्थित भारत के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी, पवित्र ज्योतिष के संस्थापक पं. उमेश चंद्र पंत को आउटलुक इंडिया, पीटीआई न्यूज, पंजाब केसरी, पत्रिका, मिडडे,  जैसे कई प्रमुख समाचार चैनलों द्वारा 2023 की उनकी नवीनतम अद्यतन सूची में भारत में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी के रूप में  प्रकाशित किया गया है। ऑनलाइन ज्योतिष सेवाओं और वेबसाइटों, समीक्षाओं, ग्राहक संचार और अन्य विभिन्न मापदंडों के आधार पर उनका चयन भारत कि प्रतिष्ठित संस्थाओ द्वारा किया गया है । इसी प्रकार दिल्ली मे विगत सात वर्षो (२०१७ से २०२३ अब तक) से विश्व की श्रेष्ठ वेबसाइट थ्रीबेस्टरेटेड मे दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी मे शामिल हैं। 

Published By : Press Trust of India (भाषा)

पब्लिश्ड 6 May 2023 at 07:39 IST