अपडेटेड 4 March 2025 at 18:37 IST
भारत ही एकमात्र ध्रुव तारा जो विश्व में सामाजिक, सांस्कृतिक परिवर्तनों को सही दिशा दे सकता है: मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत ही एकमात्र ध्रुव तारा है जो विश्व में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक परिवर्तनों को सही दिशा दे सकता है।
Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत ही एकमात्र ध्रुव तारा है जो विश्व में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक परिवर्तनों को सही दिशा दे सकता है।
उन्होंने ऐसे समाज के निर्माण का आह्वान भी किया जो केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित न हो, बल्कि मानवता, करुणा और सत्य जैसे मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित हो।
भागवत यहां शारदा विहार स्थित सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय में आरएसएस की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती शिक्षा संस्थान के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के पांच दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
एक विज्ञप्ति में भागवत के हवाले से कहा गया, ‘‘विश्व में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक परिवर्तनों को भारत की सनातन परंपरा के आलोक में दिशा देने की जरूरत है और आज जब वैश्विक परिदृश्य में कई विकृतियां उभर रही हैं, तो भारत ही एकमात्र ध्रुव तारा है जो सही दिशा दे सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए समाज और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए भारतीय परंपराओं पर आधारित शिक्षा, संस्कृति और नीति-निर्माण को बढ़ावा देना आवश्यक है।’’
भागवत ने समाज में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि मानवता, करुणा और सत्य जैसे मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित समाज का निर्माण करना चाहिए।’’
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि आने वाले समय में भारत को एक आदर्श सामाजिक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना होगा, जो पूरे विश्व को शांति और सद्भाव की ओर ले जाने में सक्षम हो।
विद्या भारती की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके द्वारा किए जा रहे कार्यों को वैश्विक स्तर पर देखा जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इसकी व्यापकता को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे यह साबित होता है कि संघ और उसके सहयोगी संगठनों का काम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी है।’’
आरएसएस प्रमुख ने सभी कार्यकर्ताओं से अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर काम करने का आह्वान भी किया।
उन्होंने पंच परिवर्तन, विमर्श परिवर्तन और सज्जन शक्ति जागरण को संघ के आगामी कार्यक्रमों का अहम हिस्सा बताया।
इस अवसर पर सह-सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल, विद्या भारती के अध्यक्ष डी रामकृष्ण राव, महासचिव अवनीश भटनागर सहित आरएसएस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 4 March 2025 at 18:37 IST