अपडेटेड 14 July 2023 at 17:47 IST

ऐतिहासिक पल का गवाह नहीं बने? 10 तस्वीरों में देखिए Chandrayaan-3 ने कैसे फहराया परचम

Chandrayaan 3 : इसरो ने दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 को मिशन पर भेजा। चंद्रयान-3 की आंध्रप्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्चिंग की गई।

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ISRO Chandrayaan 3 | Image: self

Chandrayaan 3 Launch: देशवासियों की उम्मीद और शुभकामनाओं को लिए चंद्रयान-3 अपने मिशन पर जा चुका है। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत का 'भीम' कहे जाने वाले अंतरिक्ष मात्रा LVM3-M4 की पीठ पर सवार होकर चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी। अब करीब 40 दिन का सफर पूरा करने के बाद 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह चूमेगा, जो भारत का एक बड़ा सपना है और इस पर पूरी दुनिया की नजर है।

खबर में पढ़ें:-

  • चंद्रयान-3 की सफलता की पूरी कहानी
  • चंद्रयान-3 अपने मिशन की ओर आगे बढ़ा
  • LVM3-M4 के जरिए चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी

दोपहर 2.35 पर लॉन्चिंग हुई

आसमान को चीरते हुए और अपनी दहाड़ से चारों ओर कंपन पैदा करते हुए चंद्रयान-3 अपने मिशन की ओर आगे बढ़ा और इसी दहाड़ ने भारत वासियों को रोमांचित कर दिया है, उन्हें जोश उत्साह से भर दिया है। चंद्रयान-3 की आंध्रप्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्चिंग की गई।

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इसरो ने दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 को मिशन पर भेजा। इसके पहले वैज्ञानिक काउंटडाउन हुआ।

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3-2-1-0 की काउंटिंग होते ही चंद्रयान- 3 उड़ गया और अपनी चांद की यात्रा शुरू की।

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126 सेकेंड के प्रज्वलन काल के बाद अंतरिक्ष यान से स्ट्रैप-ऑन मोटर्स- S200 नाम के कैप्शूल अलग हुए, जिनमें सॉलिड फ्यूल (HTPB) होता है। सप्रेशन मोटर की मदद से S200 कैप्शूल अलग किए गए।

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S200 के कैप्शूल होने के बाद अगले चरण का प्रज्वलन शुरू हुआ, जो L110 स्टेज थी। L110 को कोर स्टेज भी कहा जाता है, जिसमें लिक्यूड (UH25 + N2O4) होता है। इसमें कुल 113 टन का लिक्यूड होता है।

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114.8 किमी की ऊंचाई पर जाने के बाद अंतरिक्ष यान से Payload Fairing को अलग किया गया।

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इसके बाद L110 को कोर स्टेज को अंतरिक्ष यान से अलग किया गया। यहां से C25 Cryogenic Stage शुरू हुआ। इसे अपर स्टेज भी कहा जाता है। जैसे ही ये स्टेज शुरू हुआ, वैज्ञानिकों ने तालियां बजाईं।

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फिर C25 Cryogenic Stage का काम पूरा हुआ, जिसने Chandrayaan-3 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने में भूमिका निभाई। 

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तीसरी स्टेज पूरी होने के बाद LVM3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक रूप से स्थापित कर दिया।

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चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में जश्न मनाया गया।

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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक, यदि सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान की 23 अगस्त शाम 5.47 बजे IST पर चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 14 July 2023 at 16:28 IST