अपडेटेड 24 August 2024 at 13:35 IST
देश का पहला हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 सफतापूर्वक हुआ लॉन्च, जानें क्या हैं इसकी खूबियां
भारत ने शनिवार को चेन्नई के थिरुविदंतई से अपना पहला दोबारा से प्रयोग होने वाला हाइब्रिड रॉकेट आरएचयूएमआई-1 लॉन्च किया।
भारत ने शनिवार को चेन्नई के थिरुविदंतई से अपना पहला दोबारा से प्रयोग होने वाला हाइब्रिड रॉकेट 'आरएचयूएमआई-1' लॉन्च किया। इसे तमिलनाडु स्थित स्टार्ट-अप स्पेस जोन इंडिया ने मार्टिन ग्रुप के साथ मिलकर विकसित किया है। 3 क्यूब सैटेलाइट और 50 PICO सैटेलाइट ले जाने वाले इस रॉकेट को मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करके सबऑर्बिटल प्रक्षेप पथ में लॉन्च किया गया। ये सैटेलाइट ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर शोध उद्देश्यों के लिए डेटा एकत्र करेंगे।
इन सभी सैटेलाइट को 35 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा। इस रॉकेट के इंजन में तरल ऑक्सीडाइजर और ठोस ईंधन का उपयोग किया गया है। इसकी बॉडी कार्बन फाइबर एयरफ्रेम से बनाई गई है। RHUMI रॉकेट एक जेनेरिक-ईंधन-आधारित हाइब्रिड मोटर और विद्युत रूप से ट्रिगर किए गए पैराशूट डिप्लॉयर से लैस है, RHUMI 100% पायरोटेक्निक-मुक्त और 0% TNT है।
पहला हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 लॉन्च
यह हाइब्रिड रॉकेट भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धि है। एयरोस्पेश प्रौद्योगिकी में नई ऊंचाइयों को लांंघते हुए तमिलनाडु की एक उभरती एयरोटेक कंपनी स्पेश जोन इंडिया ने मीडिया के सामने मिशन Rhumi 2024 का अनावरण किया जो भारतीय एयरोस्पेस उद्योग में अपनी तरह का पहला मील का पत्थर है। ये सैटेलाइट ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर शोध उद्देश्यों के लिए डेटा एकत्र करेंगे। तरल और ठोस ईंधन प्रणोदक प्रणालियों के लाभों को दक्षता में सुधार और परिचालन लागत को कम करने के लिए।
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर शोध
हाइब्रिड रॉकेट RHUMI-1 तीन क्यूब उपग्रहों को ले जाने के लिए तैयार किया गया था और इसने यह सफलतापूर्वक कर दिया। ये क्यूब ब्रह्मांडीय विकिरण तीव्रता, यूवी विकिरण तीव्रता, वायु गुणवत्ता और अधिक सहित वायुमंडलीय स्थितियों पर डेटा की निगरानी और संग्रह करने के लिए डिजाइन किया गया है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 24 August 2024 at 13:35 IST