अपडेटेड 16 June 2024 at 23:42 IST

संसद भवन परिसर में हुआ 'प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन, तो भड़की कांग्रेस; ये वजह आई सामने

कांग्रेस के मूर्तियों को उनके मूल स्थानों से हटाए जाने की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'प्रेरणा स्थल' लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा।

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संसद भवन परिसर में हुआ 'प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन | Image: PTI

Prerna Sthal Parliament Complex: राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को संसद भवन परिसर में 'प्रेरणा स्थल' का उद्घाटन किया। पहले देश के राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं अलग-अलग स्थानों पर थी, जिसे अब एक परिसर में स्थापित किया गया है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन बताते हुए विरोध जताया है।

कांग्रेस के मूर्तियों को उनके मूल स्थानों से हटाए जाने की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'प्रेरणा स्थल' लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि संसद परिसर में स्थित मूर्तियों को स्थानांतरित करने का निर्णय सरकार द्वारा एकतरफा लिया गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसका एकमात्र उद्देश्य महात्मा गांधी और बी.आर. आंबेडकर की मूर्तियों को संसद भवन के ठीक बगल में नहीं रखना है, जो लोकतांत्रिक विरोध के पारंपरिक स्थल रहे हैं।

लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपना विरोध जताते हुए X पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर समेत कई महान नेताओं की मूर्तियों को उनके प्रमुख स्थानों से हटाकर एक अलग कोने में स्थापित कर दिया गया है। बिना किसी परामर्श के मनमाने ढंग से इन मूर्तियों को हटाना हमारे लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है। पूरे संसद भवन में लगभग 50 ऐसी मूर्तियां हैं।

उन्होंने कहा कि पुराने संसद भवन के ठीक सामने स्थित ध्यान मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत की लोकतांत्रिक राजनीति के लिए अत्यधिक महत्व रखती है। सदस्यों ने अपने भीतर महात्मा की भावना को आत्मसात करते हुए महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वह स्थान है जहां सदस्य अक्सर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करते थे। यह सब अब मनमाने और एकतरफा तरीके से खत्म कर दिया गया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'भारत के इतिहास में इन महान हस्तियों के योगदान की कल्पना कीजिए। किस कालखंड में इन महान लोगों को याद किया गया? मैंने ऐसी ही स्थिति सेंट्रल हॉल में देखी। मैं 1989 में सांसद बना, उसके बाद लगातार बदलाव हुआ। लोग इन महान विभूतियों के बारे में जानते हैं, लेकिन यह स्थान 'प्रेरणा स्थल' यहां आने वाले लोगों को नई ऊर्जा और जोश से भर देगा।'

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 16 June 2024 at 23:42 IST