अपडेटेड 7 January 2025 at 22:07 IST
HMPV वायरस जानलेवा हो सकता है? चीन में तबाही मचाने के बाद भारत में भी 8 केस मिलने से हड़कंप, ऐसे करें बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। ये सांस लेने से फैलता है और हवा के माध्यम से आगे बढ़ता है। लेकिन क्या ये जानलेवा साबित हो सकता है?
महाराष्ट्र के नागपुर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के 2 नए मामले सामने आए हैं और दोनों मरीज स्वस्थ हैं। इससे पहले कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात में HMPV के मामलों की पुष्टि हुई है। अब तक भारत में कुल 8 मामलों की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में 2-2 केस, पश्चिम बंगाल और गुजरात में एक-एक केस सामने आए हैं। हाल ही में चीन में इस वायरस के प्रकोप की खबर के बाद इसकी तरफ लोगों का ध्यान गया है, लेकिन क्या ये वायरल जानलेवा है?
HMPV एक वायरल रोगाणु है, जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। इसका पता पहली बार 2001 में चला था। HMPV खांसने और छींकने से निकलने वाली सांस की बूंदों के साथ-साथ दूषित सतहों को छूने या संक्रमित लोगों के साथ सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को निशाना बनाता है। यह वायरस पूरी दुनिया में पाया जाता है।
क्या जानलेवा है HMPV?
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। ये सांस लेने से फैलता है और हवा के माध्यम से आगे बढ़ता है। इसका अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट सामने नहीं आया है, जो कोरोना की तरह तेजी से फैलता है या कोरोना की तरह जानलेवा साबित हो सकता है। यह कोई बहुत गंभीर बीमारी नहीं है।
कितने दिन रहता है HMPV संक्रमण?
HMPV संक्रमण के हल्के मामले आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं। गंभीर मामलों में, बेहतर महसूस करने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। खांसी जैसे लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों को दूर होने में अधिक समय लग सकता है।
HMPV के लक्षण
HMPV एक रेस्पिरेटरी वायरस है। इसके कोविड-19 जैसे लक्षण होते हैं। संक्रमित व्यक्ति को सर्दी लगती है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी जैसे होते हैं, लेकिन यह कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
- खांसी
- नाक बहना या बंद होना
- बुखार
- गले में खराश
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान
HMPV और कोविड-19 में समानता और अंतर
कोविड-19 संक्रमण के कारण सार्स-कोव-2 वायरस और HMPV, दोनों सांस संबंधी रोग देते हैं। इनमें समानता यह है कि दोनों ही वारयस व्यक्ति को मामूली से लेकर गंभीर स्तर की श्वसन संबंधी बीमारी देते हैं। दोनों में से किसी से भी संक्रमित होने पर खांसी, बुखार और सांस फूलने के लक्षण दिखते हैं।
अंतर यह है कि कोविड-19 से जुड़े वायरस से होने वाली बीमारी का दायरा विस्तृत है जिसमें स्वाद और गंध लेने में अक्षम होना और खून के थक्के जमना शामिल है। कोविड-19 से बचाव के लिए जहां वैक्सीन और एंटीवायरल उपचार की सुविधा उपलब्ध है, वहीं एचएमपीवी से बचाव के उपाय सीमित हैं और इसके लिए कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 January 2025 at 22:07 IST