अपडेटेड 28 February 2024 at 15:04 IST

कौन होगा हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री? CM सुक्खू ने आलाकमान को सुझाए हर्षवर्धन समेत ये 3 नाम!

हिमाचल कांग्रेस में घमासान मचा है। सूत्रों की मानें तो विक्रमादित्य के बाद सूबे के CM ने भी अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की और सीएम पद के लिए 3 नाम भी सुझाए हैं!

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हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संकट, सुक्खू ने सुझाए 3 नाम। हर्षवर्धन सिंह चौहान, रोहित ठाकुर और जगत सिंह नेगी रेस में | Image: Social media/x self

Himachal Pradesh Congress Crisis:  हर्षवर्धन, जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर - वो तीन नाम हैं जिन्हें सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आलाकमान को सुपुर्द किया है। कांग्रेस तो उसी समय पस्त हो गई जब राज्यसभा सीट हार बैठी।  हर्ष महाजन के चुने जाने के बाद से ही सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

इस बीच सदन के भीतर और बाहर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। सोच से परे था कि कांग्रेस के बागी विधायक आलाकमान तक की नाक में दम कर देंगे। पहले वीरभद्र सिंह के बेटे ने अपने पिता केअपमान की बात करते हुए मंत्री पद छोड़ा, इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के तेवर भी ठंडे पड़ गए। 

सूत्रों के मुताबिक सुक्खू ने सरकार को बचाने के लिए पार्टी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश की। कांग्रेस की ओर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा हिमाचल में पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए। सुक्खू ने जो नाम सुझाए हैं वो तीनों ही उनके करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस से नाता पुराना रहा है।

सिरमौर के हर्षवर्धन

जिला सिरमौर (Sirmour) की शिलाई विधानसभा क्षेत्र (Shillai Assembly Seat) से विधायक हर्षवर्धन चौहान सुक्खू कैबिनेट का हिस्सा हैं। छात्र संगठन एनएसयूआई से राजनीति की शुरुआत की। सियासी सफर लंबा रहा है। सिरमौर कांग्रेस कमेटी के सदस्य से लेकर अध्यक्ष तक बने। फिर छठी बार चुनाव जीता, कांग्रेस सरकार बनी तो मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। 1993 में पहला चुनाव लड़ा था। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हर्षवर्धन चौहान ने 32 हजार 093 वोट हासिल किए थे। वरिष्ठता के आधार पर हर्षवर्धन चौहान तीसरे नंबर के मंत्री हैं।

पिता की विरासत बढ़ा रहे जगत सिंह नेगी

पेशे से वकील रहे जगत सिंह नेगी साल 1980 से साल 1995 तक जिला किन्नौर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। जिला यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी अपनी सेवाएं दीं। जगत सिंह नेगी हिमाचल प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। जगत सिंह नेगी की गिनती भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी नेताओं में की जाती है। इनके पिता ज्ञान सिंह नेगी भी किन्नौर सीट से विधायक थे। तो इस तरह पिता की राजनीतिक विरासत को जगत नेगी आगे बढ़ा रहे हैं।

रोहित ठाकुर- पुराना है सियासत से रिश्ता

रोहितक जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिला। जुब्बल-कोटखाई से चौथी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। सुक्खू मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं रहे। शायद यही वजह है कि नए चेहरों को मौका देने की कोशिश उनके मंत्रिमंडल में भी देखने को मिली थी। सुक्खू के मंत्रिमंडल में 7 मंत्रियों में से पांच मंत्री पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इन नए मंत्रियों में एक नाम रोहित ठाकुर का नाम भी था। इनके दादा ठाकुर रामलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। अपने दादा के पद चिन्हों पर चलते हुए रोहित ठाकुर ने यूथ कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की। 

इस बीच सुक्खू ने इस्तीफे की खबरों को गलत भी करार दिया। उन्होंने कहा कि जबरदस्ती अफवाह फैलाई जा रही है और वो घबराने वाले नहीं हैं।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 28 February 2024 at 14:06 IST