अपडेटेड 29 May 2025 at 16:00 IST
Hemkund Sahib Yatra 2025: हेमकुंड साहिब की यात्रा करने वालों के लिए जरूरी खबर, नाइट स्टे के लिए ये है बेस्ट प्लेस
हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू हो गई है। यात्रा के लिए रिजस्ट्रेशन अभी जारी है। अगर आप इस यात्रा पर जानें कर प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको नाइट स्टे के लिए बेस्ट प्लेस की जानकारी दे रहे हैं।
हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा (Hemkund Sahib Yatra) शुरू हो गई। रविवार को हेमकुंड साहिब 2025 की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए दरवाजे खोल दिए गए हैं। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। अगर आप भी इस यात्रा की प्लान कर रहे हैं तो हम आपको यात्रा से जुड़ी कई अहम जानकारी दे रहे हैं। यात्रा की रूट से लेकर ठहरने के जगहों तक के बारे में जानते हैं यात्रा से जुड़ी अहम बातें...
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू हो गई। समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर बने इस गुरुद्वारे को सिख अपने सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक मानते हैं। हेमकुंड साहिब सिख तीर्थयात्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह को समर्पित है। बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा खूबसूरत गुरुद्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में से एक है और हिमनद झील के बगल में स्थित है। यह यात्रा काफी कठिन होता है।
यहां से शुरू होती है सबसे कठिन चढ़ाई
हेमकुंड साहिब का प्रवेश द्वार गोविंदघाट है और यात्रा यही से शुरू होती है। यहां तक आप सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह ऋषिकेश से लगभग 275 किमी दूर है। इसके आगे का सफर आपको पैदल पूरा करना होगा। तीर्थयात्री घांघरिया गांव (जिसे गोविंद धाम के नाम से भी जाना जाता है) तक 13 किमी की चढ़ाई करते हैं। घांघरिया से गुरुद्वारे तक 6 किलीमीटर तक काफी कठिन चढ़ाई होती है। रास्ते में बर्फ की मोटी चादर,ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण यह ट्रेक काफी मुश्किल भरा होता है।
गोविंदघाट और घांघरिया के बीच हेलीकॉप्टर सेवा
हेमकुंड साहिब का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, यहां से गोविंदघाट की दूरी लगभग 276 किलोमीटर है। हेलीकॉप्टर सेवाएं गोविंदघाट और घांघरिया के बीच दी जाती है। जिसकी बुकिंग केवल IRCTC हेलीयात्रा वेबसाइट (heliyatra.irctc.co.in) से ऑनलाइन कर सकते हैं। जॉली ग्रांट से गोविंदाघाट के लिए आप टैक्सी या बस ले सकते है और अगर आप रेल मार्ग का विकल्प चुनते हैं, तो हरिद्वार तक ट्रेन से पहुंच सकते हैं। इसके बाद आगे की दूरी आपको सड़क मार्ग से तय करनी होगी।
नाइट स्टे के लिए ये है बेस्ट प्लेस
इस यात्रा से जुड़ी जो अहम बात है वो ये है कि आप हेमकुंड साहिब में रात भर रुक नहीं सकते हैं, क्योंकि इसकी अनुमति नहीं है। ऐसे में यात्रियों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिरकार कहां रूकने सही होगा। तीर्थयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वो अगर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा जा रहे हैं तो दोपहर 2 बजे तक उतरना शुरू कर दें ताकि शाम ढलने से पहले घांघरिया वापस आ सकें। घांघरिया में ठहरने के काफी व्यवस्था है। यहां आप गुरुद्वारे, धर्मशाला, होटल और कैंप ग्राउंड में आराम से रात गुजार सकते हैं। फूलों की घाटी की ट्रेकिंग भी यहीं से शुरू होती है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 29 May 2025 at 16:00 IST