अपडेटेड 17 February 2022 at 12:40 IST

Helmet Rule For Children: अब चार साल से कम उम्र के बच्चों को पहनना होगा हेलमेट, नहीं तो देना होगा जुर्माना; नई गाइडलाइंस जारी

Road Safety Rules : कोरोना काल में बंद हुए स्कूल अब फिर से खुल गए हैं। इसी तरह, कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल बस लेने के बजाय खुद स्कूल छोड़ देते हैं।

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pc :pti | Image: self

New Road Safety Rules : कोरोना काल में बंद हुए स्कूल अब फिर से खुल गए हैं। इसी तरह, कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल बस लेने के बजाय खुद स्कूल छोड़ देते हैं। इसमें कई माता-पिता शामिल हैं जो अपने बच्चों को दो-पहिया वाहन पर स्कूल छोड़ने जाते हैं। हालांकि, वे अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं पहनते हैं। ऐसे माता-पिता के लिए यह खबर बेहद जरूरी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिलियन राइडर के लिए नए सड़क सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 9 महीने से 4 साल की उम्र के बच्चों को बाइक से यात्रा करते समय नए नियमों का पालन करना होगा, ऐसा न करने पर मोटर साइकिल सवार को जुर्माना भरना पड़ सकता है।

चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष नियम

सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से 15 फरवरी 2022 को जारी अधिसूचना के मुताबिक बच्चों के साथ मोटर साइकिल पर यात्रा करते समय ये नियम लागू होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि, 9 महीने से 4 साल की उम्र के बच्चों को साइकिल पर यात्रा करते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही, बाइक की गति 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित होनी चाहिए। इन नए यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर आपका 1,000 तक का जुर्माना और तीन महीने तक चालक का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।

सुरक्षा कवच कैसे प्राप्त करें

सेफ्टी हार्नेस हल्का, वाटरप्रूफ और गद्देदार होना चाहिए, जिससे बच्चे आराम से सफर कर सकें। यह 30 किलो तक के भार का सामना करने में भी सक्षम होना चाहिए। इस नियम के लागू होने से हेलमेट और सेफ्टी गियर कंपनियों को फायदा होगा।

साइकिल हेलमेट का भी कर सकते है इस्तेमाल

बीआईएस ने अभी तक बच्चों के हेलमेट के लिए अलग मानक जारी नहीं किया है, इसलिए तब तक छोटे बच्चों के लिए भी साइकिल हेलमेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR), 1989 में संशोधन करने के लिए पहली बार 25 अक्टूबर 2021 को इस मसौदा अधिसूचना को पेश किया।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हादसों में बच्चों की मौत की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। मंत्रालय के मुताबिक 2019 में सड़क हादसों में 11,168 बच्चों की मौत हुई। यानी हर दिन 31 बच्चों की मौत होती है। 2018 की तुलना में सड़क हादसों में बच्चों की मौत की संख्या में 11।94 प्रतिशत यानी 1,191 की वृद्धि हुई है।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 17 February 2022 at 12:40 IST