अपडेटेड 5 June 2023 at 07:01 IST

Yogi Adityanath Birthday: सीएम योगी के गुरु अवैद्यनाथ को थी नाथ संप्रदाय के उत्तराधिकारी की तलाश, लेकिन रखी थी ये शर्त

पढ़ाई के दौरान अजय बिष्ट संत महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए, वो पंचुर के पास कांडी गांव के रहने वाले थे। संत अवैद्यनाथ महाराज गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मठ के महंत थे।

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Yogi Adityanath with Avaidyanath (Photo-Facebook-@nischal.kumar.750546) | Image: self

Happy Birthday CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 51 साल के हो गए हैं। योगी आदित्यनाथ का नाम पहले अजय कुमार बिष्ट था। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल का एक बच्चा योगी आदित्यनाथ के रूप में उत्तर प्रदेश का उत्तराधिकारी बना। दरअसल अजय बिष्ट अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे और एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात महंत अवैद्यनाथ से हुई। इस मुलाकात में वो अजय बिष्ट से काफी प्रभावित हुए और उन्हें अपने साथ ले गए। 

योगी आदित्यनाथ अपने सात भाई बहनों में पांचवें नंबर पर थे। उनके पिता एक फारेस्ट रेंजर थे और उनकी माता सावित्री देवी एक घरेलू महिला थीं। फरवरी 1994 में अजय बिष्ट के जीवन में वो क्रांतिकारी परिवर्तन आया और वो योगी आदित्यनाथ बनने की राह पर चल पड़े थे। 

महंत अवैद्यनाथ ने योगी से रखी थी ये शर्त

आखिरकार वो दिन भी आ गया जब अजय सिंह बिष्ट को अवैद्यनाथ ने अपना उत्तराधिकारी घोषित करने का मन बना लिया था। अवैद्यनाथ ने अजय को अपना उत्तराधिकारी बनाने से पहले एक शर्त रखी थी कि जो शख्स नाथ संप्रदाय की दीक्षा लिया हुआ हो और अनुशासित हो वहीं उनका उत्तराधिकारी बन सकता है। इसके बाद अजय कुमार बिष्ट को उन्होंने नाथ संप्रदाय की शिक्षा लेने को कहा और फिर 15 फरवरी 1994 को वो दिन भी आ गया जब उन्होंने नाथ संप्रदाय की दीक्षा के बाद योगी बनें।   

अच्छा उत्तराधिकारी नहीं दिया तो हिन्दू समुदाय...- अवैद्यनाथ

जुलाई 1993 में महंत अवैद्यनाथ की तबीयत काफी खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया। इस दौरान जब अजय बिष्ट उनसे मिलने के लिए दिल्ली गए तो उन्होंने अजय से कहा कि अब मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है ऐसे में मुझे एक योग्य उत्तराधिकारी की जरूरत है लेकिन उस पर भी मेरी एक शर्त है कि वो नाथ संप्रदाय की दीक्षा पूरी कर चुका हो इसके मुताबिक अनुशासित हो। उन्होंने कहा था कि अगर वो एक अच्छा उत्तराधिकारी नहीं दे पाए तो हिन्दू समुदाय मुझे गलत समझेगा। जिसके बाद अजय कुमार बिष्ट ने दीक्षा ली और योगी आदित्यनाथ बने। 

महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आने के बाद लिया संन्यास का फैसला

अपनी पढ़ाई के दौरान ही वो संत महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए, वो पंचुर के पास कांडी गांव के रहने वाले थे। संत अवैद्यनाथ महाराज गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मठ के महंत थे। अवैद्यनाथ को एक योग्य और कुशल उत्तराधिकारी की तलाश थी जो कि उन्हें अजय सिंह बिष्ट के रूप में मिल चुका था। यहीं से शुरू हुई अजय सिंह बिष्ट के योगी आदित्यनाथ बनने की कहानी। अजय सिंह बिष्ट के संन्यास लेने के फैसले के बारे में उनके माता और पिता को भी नहीं पता था। दरअसल अवैद्यनाथ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में अजय सिंह बिष्ट की बातों से काफी प्रभावित हुए थे जिसके बाद उन्होंने अजय कुमार बिष्ट को बुलाकर बातचीत की थी।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 5 June 2023 at 06:57 IST