अपडेटेड 15 December 2024 at 13:16 IST
संभल में चार दशक बाद खुले हनुमान और शिव मंदिर, केशव प्रसाद मौर्य बोले- 'भय का माहौल खत्म, खुशी लौटी'
केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि मंदिरों के दोबारा खुलने से स्थानीय लोगों में खुशी और विश्वास का संचार हुआ है।
Sambhal temples Open News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चार दशकों से बंद पड़े हनुमान मंदिर और शिव मंदिर को दोबारा खोला गया है। यह दोनों मंदिर लंबे समय से बंद थे और इलाके में भय का माहौल बना दिया गया था, जिससे हिंदू समुदाय को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि मंदिरों के दोबारा खुलने से स्थानीय लोगों में खुशी और विश्वास का संचार हुआ है। इलाके में पूजा-अर्चना और धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, 'हनुमान मंदिर और शिव मंदिर को 4 दशकों से अधिक समय तक बंद रखा गया था। भय का माहौल बनाया गया था और हिंदुओं को वहां से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था। मंदिर के दोबारा खुलने के बाद लोगों में खुशी और विश्वास है। अगर किसी धार्मिक स्थल और सार्वजनिक स्थान पर इस तरह अतिक्रमण किया गया है या बंद कर दिया गया है और लोगों को वहां जाने से रोका जा रहा है।' स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिरों के खुलने से उन्हें अपने धार्मिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति का एहसास हुआ है। अब इलाके में माहौल पहले से बेहतर और शांतिपूर्ण दिखाई दे रहा है।
46 साल बाद बंद मंदिर में फिर गूंजी पूजा की गूंज
सुबह होते ही संभल के प्राचीन मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लग गया। भगवान शिव का जलाभिषेक कर भक्तों ने मंत्रोच्चार और आरती की। हनुमान चालीसा के पाठ के साथ महादेव और हनुमान जी के जयकारे गूंजने लगे। चार दशकों से बंद पड़े इस मंदिर के खुलने पर इलाके के लोगों ने प्रशासन की सराहना की। माना जा रहा है कि यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है। इसकी ऐतिहासिकता की जांच पुरातत्व विभाग से कराई जाएगी।
1978 के दंगों के बाद बंद हो गया था मंदिर
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 1978 में हुए दंगे के बाद इस मंदिर में पूजा-अर्चना पूरी तरह बंद हो गई थी। खग्गू सराय इलाके में उस समय लगभग 40 हिंदू परिवार (रस्तोगी समुदाय) रहते थे, लेकिन दंगों के बाद वे पलायन कर गए। 82 साल के विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित किया गया था। परिवार के पलायन के बाद मंदिर की देखरेख नहीं हो सकी, जिससे यह बंद हो गया।
मंदिर परिसर में मिला प्राचीन कुआं
मिली जानकारी के मुताबिक, जिला अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने जानकारी दी कि गुप्त सूचना के आधार पर मंदिर को पुनः चिन्हित कर ताले खुलवाए गए। मंदिर परिसर में एक पुराना कुआं भी मिला, जिसे पहले बंद कर दिया गया था। प्रशासन ने कुएं की खुदाई शुरू कराई है और इसे पुनर्जीवित करने का काम जारी है।
मंदिर की प्राचीनता की होगी जांच
डीएम पैंसिया ने कहा कि मंदिर की ऐतिहासिकता का पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग से जांच कराई जाएगी। विष्णु शरण रस्तोगी के अनुसार, उनके पूर्वज इस मंदिर को अत्यंत प्राचीन बताते थे। यह मंदिर 200 साल या उससे भी ज्यादा पुराना हो सकता है। डीएम ने बताया कि संभल के ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। मंदिर के पुनरुद्धार से स्थानीय लोगों में खुशी और उत्साह है। प्रशासन ने मंदिर की नियमित देखरेख और पूजा-अर्चना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है, ताकि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत बनी रहे।
(Note: यह एक ब्रेकिंग स्टोरी है। अधिक जानकारी के साथ अपडेट हो रही है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 15 December 2024 at 13:16 IST