अपडेटेड 19 January 2023 at 23:25 IST
Gujarat: लग्जरी लाइफ को ठोकर मार साध्वी बनी 9 साल की बच्ची, भौतिक चीजों का कैसी करेगी त्याग.. ?
बच्ची की जिंदगी में फिलहाल कोई कमी नहीं है दूनिया भर के सुख के साथ उसने एक आलिशान घर में जन्म लिया है,
Gujarat Viral Video: गुजरात से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर हर किसी के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे एक बच्ची इस तरह का फैसला ले सकती है वो भी सिर्फ 9 साल की उम्र में, जी हां खबर सभी को हैरान कर देने वाली है, क्योंकि गुजरात के एक धनी हीरा व्यापारी की बेटी ने नन्ही सी उम्र में साध्वी बनने का फैसला लिया है।
9 साल की बच्ची भौतिक सुख-सुविधाओं का करेगी त्याग
खास बात यह है कि इस बच्ची की जिंदगी में फिलहाल कोई कमी नहीं है, दूनिया भर के सुख के साथ उसने एक आलिशान घर में जन्म लिया है, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि छोटी सी इस बच्ची ने साध्वी बनने का निर्णय ले लिया। आपको बता दें जब कोई साधू बनता है तो उसे भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर एक साधारण जीवन जीना होता है।
करोड़ों रुपए की कंपनी के मालिक है बच्ची के पिता
गुजरात के हीरा व्यापारी देश के नामी-गिरामी हीरा व्यापारियों में से एक हैं। उनकी बेटी ने साध्वी बनने का फैसला लिया यह सुनकर हर कोई इसके बारे में जानना चाह रहा है। यह चर्चा का विषय इसलिए भी है क्योंकि इस नौ साल की बच्ची देवांशी के पिता सूरत में हीरा व्यापार करने वाली लगभग तीन दशक पुरानी कंपनी के मालिक हैं।
जैन साध्वी के तौर पर ली दीक्षा
हीरा व्यापारी से खास परिचित एक व्यक्ति ने बताया कि देवांशी का झुकाव बेहद कम उम्र से ही अध्यात्मक की ओर था उसने अन्य मुनियों के साथ लगभग 700 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी की है। साध्वी बनने के फैसले की चर्चा अब हर तरफ हो रही है। हीरा व्यापारी की 9 साल की बेटी ने भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर जैन साध्वी के तौर पर दीक्षा ले ली है।
गौरतलब है कि धनेश और अमि सांघवी की दो बेटियों में से बड़ी बेटी देवांशी ने सूरत वेसु इलाके में जैन मुनि आचार्य विजय कीर्तियशसुरि की उपस्थिति में दीक्षा ली। इस मौके पर सैकड़ों लोग वहां मौजूद रहे।
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Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 19 January 2023 at 23:19 IST