अपडेटेड 1 April 2023 at 11:24 IST

Sugarcane Juice: गन्ने के जूस पर अब 12 फीसदी GST, क्या ठेलों पर बिकने वाला जूस होगा महंगा?

GST on Sugarcane Juice : अब गन्ना महंगा होने जा रहा है। हालांकि, अगर आप रेहड़ी या गन्ने के स्टॉल पर ब्याज लेते हैं तो आपको यह जीएसटी नहीं देना होगा। जानें क्या है ये नया नियम...

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unsplah | Image: self

GST on Sugarcane Juice: गर्मियों में हर किसी का पसंदीदा पेय गन्ने का रस होता है। हालांकि अब उसी गन्ने के रस पर 12 फीसदी जीएसटी (GST) देना होगा। उत्तर प्रदेश में जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग उत्तर प्रदेश) ने इस संबंध में फैसला सुनाया है। इसलिए अब गन्ना महंगा होने जा रहा है। हालांकि, अगर आप रेहड़ी या गन्ने के स्टॉल पर ब्याज लेते हैं तो आपको यह जीएसटी नहीं देना होगा।

बता दें कि, गन्ने का रस कृषि उत्पादन में शामिल नहीं है। उत्तर प्रदेश में जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने कहा है कि जूस पर जीएसटी लगाया जाएगा क्योंकि कृषि उत्पादन के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं की जाती हैं। इस बीच क्या इस फैसले के बाद सड़क पर चलने वाले वाहनों पर गन्ने के रस पर जीएसटी लगेगा? ऐसे सवाल पर अथॉरिटी ने कहा है कि इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि, अगर वही गन्ने का रस जीएसटी नंबर वाली दुकान से खरीदा जाता है, तो जीएसटी उसके बिल में शामिल हो सकता है।

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फिलहाल महाराष्ट्र में गन्ने का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है। इससे राज्य में चीनी और गुड़ का उत्पादन भी अधिक होता है। हालांकि, गन्ने का रस एक कृषि उत्पाद नहीं है, इसलिए उत्तर प्रदेश में जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने फैसला किया है कि गन्ने के रस पर 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। उत्तर प्रदेश में जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने कहा है कि अगर गन्ने के रस को व्यावसायिक आधार पर बेचना है तो इस जीएसटी का भुगतान करना होगा। गन्ने के रस को कृषि उपज के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, इसलिए यह जीएसटी के लिए पात्र है। उत्तर प्रदेश की एक फैक्ट्री गोविंद सागर मिल्स ने व्यावसायिक आधार पर गन्ने का रस बेचने की योजना बनाई थी। इसलिए, इस ब्याज पर जीएसटी लागू होगा या नहीं, इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी से संपर्क किया। उस समय यह मामला सामने आया है।

बता दें कि गन्ने का रस चीनी कारखाने में गन्ने को छान कर तैयार किया जाता है। यह किसानों का उत्पादन नहीं करता है। साथ ही उसका रूप और प्रक्रिया भी बदल जाती है। यह चीनी, इथेनॉल बनाने के लिए कच्चा माल है। इसलिए, यह कृषि उत्पादन के लिए आवश्यक तीनों शर्तों को पूरा नहीं करता है। इसलिए जीएसटी एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने राय व्यक्त की है कि उस पर जीएसटी का भुगतान करना होगा।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 1 April 2023 at 11:24 IST