अपडेटेड 21 December 2024 at 23:01 IST
प्रतिष्ठित मुसलमान नागरिकों के समूह ने भागवत की टिप्पणी की सराहना की
भागवत को लिखे पत्र में नागरिक समाज समूह ‘सिटिजन्स फॉर फ्रेटरनिटी’ ने कहा, ‘‘पुणे में की गई आपकी टिप्पणियों से हम बेहद प्रसन्न हैं।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी सहित प्रतिष्ठित मुसलमानों के एक नागरिक समाज समूह ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की समावेशी समाज की वकालत करने वाली टिप्पणी की सराहना की और उम्मीद जताई कि यह उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक होगी, ‘‘जो देश के मूल ताने-बाने पर हमला कर रहे हैं।’’
भागवत ने हाल में कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘‘हिंदुओं के नेता’’ बन सकते हैं।
भागवत ने सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बृहस्पतिवार को व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।
भागवत को लिखे पत्र में नागरिक समाज समूह ‘सिटिजन्स फॉर फ्रेटरनिटी’ ने कहा, ‘‘पुणे में की गई आपकी टिप्पणियों से हम बेहद प्रसन्न हैं। भारतीय मुसलमान और ईसाई होने के नाते हम समाज के एक वर्ग द्वारा हाल ही में कही गई बातों और हाल के दिनों में हुई घटनाओं से बेहद चिंतित हैं, जिसके कारण गंभीर सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है।’’
कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और उद्योगपति सईद शेरवानी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, ‘‘इसलिए, सरसंघचालक का बयान बहुत महत्वपूर्ण है तथा भारत और दुनिया भर में अच्छी सोच रखने वाले सभी लोगों को उम्मीद देता है।’’
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 21 December 2024 at 23:01 IST