अपडेटेड 1 May 2025 at 14:53 IST

'सरकार 50% रिजर्वेशन का बैरियर तोड़ने के लिए संसद में बिल लाए, हम...',जातीय जनगणना शुरू होने से पहले ओवैसी ने कर दी बड़ी मांग

असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से एक मांग भी की है।

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AIMIM Chief Asaduddin Owaisi | Image: PTI

केंद्र की मोदी सरकार ने जनगणना (Census) के साथ जातिगत जनगणना (Caste Census) को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर हरी झंडी दिखाई गई। सरकार के इस ऐलान के बाद सियासी दलों की ओर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक और सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष इसे अपनी जीत बता रहा है। इस बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जातीय जनगणना शुरू होने से पहले ही केंद्र सरकार से एक और बड़ी मांग कर दी।

 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना को राष्ट्रीय जनगणना में शामिल किए जाने पर कहा, "जातीय जनगणना होनी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस जाति के लोग विकसित हैं या किस जाति के लोग विकसित नहीं हैं। सकारात्मक कार्रवाई और इस देश में न्याय करने के लिए यह बहुत जरूरी है। 27% पर ही OBC आरक्षण रोक दिया गया है, जो अपर्याप्त है। अब हम भाजपा से जानना चाहते हैं कि इसकी(जाति आधारित जनगणना की) शुरूआत कब तक होगी?

ओवैसी ने जाति जनगणना को लेकर सरकार से की ये मांग

असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा मैं बीजेपी से सवाल पूछना चाहता हूं कि यह जनगणना कब शुरू करेंगे और यह कब खत्म होगा। इसका डेटा देश का सामने कब आएगा। इसकी टाइमलाइन क्या है? क्या 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले ये रिपोर्ट आ जाएगी या नहीं। दूसरा कि यह 27% पर ही OBC आरक्षण रोक दिया गया है, यह नाकाफी है। जनगणना से साबित होगा कि देश में कितने लोग विकसित हैं और कितने पिछड़े हैं तो सरकार 50% रिजर्वेशन का बैरियर तोड़ने के लिए संसद में बिल लाए।

आजादी के बाद पहली बार होगा जाति जनगणना

बता दें कि PM मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें आगामी जनगणना में जातिवार गणना को भी शामिल करने का फैसला हुआ। वैसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के मुताबिक, जनगणना संघ का विषय होता, जो 7वीं अनुसूची के संघ सूची में 69वें स्थान पर दर्ज है। इसके बावजूद केंद्र से अलग कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर जातिवार गणना के लिए सर्वे करा लिए। ये तथ्य हैं कि देश की आजादी के बाद से अब तक की सभी जनगणनाओं में जाति को बाहर रखा गया है। अब आजादी के बाद जाति जनगणना पहली बार होने जा रही है। 

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को दिखाई हरी झंडी तो निशिकांत दुबे का राहुल से सवाल, अब अपना धर्म और जाति क्या बताएंगे?
 

Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 1 May 2025 at 14:53 IST