अपडेटेड 20 July 2025 at 17:08 IST
बाढ़ में फंसी गर्भवती महिला को JCB से पहुंचाया अस्पताल, उफान पर थी नदी और गांव से टूट गया था संपर्क जानिए फिर क्या हुआ
राजस्थान के बूंदी के दुगारी गांव में बाढ़ के बीच गर्भवती महिला को JCB से एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। कनक सागर बांध के उफान से गांव का संपर्क टूट गया है।
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में बाढ़ के पानी ने दुगारी गांव को घेर लिया था, जिससे गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया था। लेकिन समय पर मदद मिल गई और JCB के जरिए महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। नदी के उफान पर होने से गांव का संपर्क टूट गया था।
राजस्थान के बूंदी में नैनवा के दुगारी गांव से ये हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक गर्भवती महिला को JCB की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। रविवार (20 जुलाई) को भारी बारिश और बाढ़ के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं। इस बीच, गर्भवती महिला अनीता की अचानक तबीयत बिगड़ने से ग्रामीणों को ऐसा कदम उठाना पड़ा। कनक सागर बांध में का जलस्तर बढ़ने से दुगारी गांव में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सड़कों पर पानी भरने से गांव का मेन सड़क से संपर्क कट गया है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, बाढ़ ने न सिर्फ आवागमन को प्रभावित किया है, बल्कि दैनिक जरूरतों को भी पूरा करना मुश्किल हो गया है।
ग्रामीणों की सूझबूझ से बची जान
अनीता को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर ग्रामीणों ने तुरंत दुगारी अस्पताल पहुंचाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए नैनवा रेफर कर दिया। लेकिन बाढ़ के कारण रास्ते बंद होने से ग्रामीणों ने JCB का सहारा लिया और अनीता को एंबुलेंस तक पहुंचाया। नैनवा चिकित्सालय में अनीता को भर्ती कराया गया, जहां उसने एक बच्चे तो जन्म दिया है, मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है।
सड़कों पर भरा पानी, लोगों को भारी परेशानी
जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों ने सड़कों और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बारिश थोड़ी कम होने की संभावना जताई है। लेकिन बांधों में पानी की आवक और जलभराव की समस्या अभी बरकरार है। बूंदी और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। दुगारी गांव की इस घटना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर किया है। अनीता के मामले में ग्रामीणों की तत्परता ने एक हादसा टाल दिया, लेकिन यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 20 July 2025 at 17:08 IST