अपडेटेड 15 August 2025 at 14:01 IST
'मेरी बेटी को ढूंढ दो और मुझे कुछ नहीं चाहिए...', बस इतना कहकर रोने लगा पिता, किश्तवाड़ त्रासदी की कहानी
आसमान से बरसी आफत के कारण पर्यटकों से गुलजार रहने वाला किश्तवाड़ का चिशोती गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है। वहां अब दूर-दूर तक हर तरफ सिर्फ बर्बादी के निशान बिखरे हैं।
Kishtwar Cloudburst : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे आई त्रासदी ने कभी ना भूलने वाले घाव दिए हैं। बादल फटने से अचानक हुई तबाही में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ये आसमानी आफत उस वक्त आई, जब लोग मैचल माता यात्रा के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पहाड़ से अचानक पानी आया और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए।
बादल फटने के बाद लोगों ने अपनी आंखों से अपनों को बहते हुए देखा। एक चश्मदीद ने बताया कि बादल फटने के कुछ सेकंड बाद ही पानी और मलबा आना शुरू हो गया था। 2 मिनट में करीब 4 फीट तक मलबा आ गया था। जो लोग समय रहते वहां से भाग गए, उनकी जान बच गई और बाकी लोग मलबे में दब गए। मलबे से अभी भी शवों का मिलना जारी है।
'मेरी बेटी को ढूंढ दो...'
ऑफिशियल रिपोर्ट के अनुसार किश्तवाड़ त्रासदी में 69 लोग अभी भी लापता है और स्थानीय लोगों की मुताबिक 100 से 200 लोग लापता है। आसमान से बरसी आफत के कारण पर्यटकों से गुलजार रहने वाला, किश्तवाड़ का चिशोती गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है। आपदा के समय माता मचैल देवी मंदिर के आसपास करीब 3 हजार लोग थे। रेस्क्यू में लगी टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। अस्पताल में भर्ती किश्तवाड़ त्रासदी के एक पीड़ित को अपनी बेटी की तलाश है। अपनी बेटी का फोटो दिखाते हुए वो रो पड़े और कहा कि मेरी बेटी को ढूंढ दो और मुझे कुछ नहीं चाहिए।
पीएम मोदी ने ली जानकारी
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बताया कि किश्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 60 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और हर संभव सहायता की पेशकश की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 15 August 2025 at 14:00 IST