अपडेटेड 13 December 2024 at 08:32 IST

'थोड़े दिनों में कहेंगे वन नेशन वन रिलीजन...ये पॉसिबल नहीं' सपा नेता का 'एक देश एक चुनाव' पर हमला

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को अव्यवहारिक और संविधान के खिलाफ बताया है।

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एसटी हसन | Image: @Dr_STHASAN_MBD

ST Hasan One Nation one Election :  समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन (S. T. Hasan)  ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को अव्यवहारिक और संविधान के खिलाफ बताया है। (S. T. Hasan) उन्होंने कहा, 'यह संभव नहीं है। अगर सरकार गिरती है तो क्या सभी राज्यों के चुनाव फिर से होंगे? यह योजना डिक्टेटरशिप की ओर बढ़ने का संकेत है।'

एसटी हसन (S. T. Hasan) ने भारत की विविधता को इसकी विशेषता बताते हुए कहा, 'अनेकताओं में एकता हमारी पहचान है। अब थोड़े दिनों में 'वन नेशन, वन रिलीजन' या 'वन नेशन, वन फूड' की बात करेंगे। यह सब न तो संभव है और न ही देश के हित में।' सपा नेता ने इसे देश की संवैधानिक परंपराओं के लिए हानिकारक बताया और सरकार से स्पष्ट योजना पेश करने की मांग की।

मोदी कैबिनेट ने दी बिल को मंजूरी

देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों समेत सभी चुनावों को एक साथ करवाने का रास्ता अब साफ हो गया है। मोदी कैबिनेट ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' बिल को मंजूरी दे दी है। सरकार इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश कर सकती है। इससे पहले कैबिनेट ने राम नाथ कोविंद समिति द्वारा इस पर बनाई गई रिपोर्ट को मंजूरी दी थी।

अगले हफ्ते पेश हो सकता है बिल 

मोदी सरकार अगले हफ्ते इस बिल को संसद में पेश कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दे दी है और वो बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। बिल पर व्यापक चर्चा के लिए सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है। बिल का उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है।

एक राष्ट्र एक चुनाव का फायदा कैसे ? 

सरकार का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से धन और समय की बचत होगी। 
प्रशासनिक व्यवस्था ठीक रहने के साथ सुरक्षा बलों का तनाव कम होगा। 
चुनाव प्रचार में ज्यादा समय मिलने के साथ विकास कार्यों भी ज्यादा हो सकेंगे।
वहीं, चुनावी ड्यूटी के चलते सरकारी कार्यों में भी दिक्कतें आती हैं।

आम सहमति बननी चाहिए- रामनाथ कोविंद  

इससे पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि केंद्र सरकार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल पर आम सहमति बनानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा राजनीतिक हितों से परे है और पूरे देश की सेवा करता है। इस मुद्दे पर समिति की अध्यक्षता करने वाले रामनाथ कोविंद ने कहा कि केंद्र सरकार को आम सहमति बनानी होगी। यह मुद्दा किसी पार्टी के हित में नहीं बल्कि पूरे देश के हित में है। यह एक बड़ा बदलाव लाएगा, यह मेरी राय नहीं बल्कि अर्थशास्त्रियों की राय है, जो मानते हैं कि इसके लागू होने के बाद देश की जीडीपी में 1 से लेकर 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को रेखांकित किया गया था। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 13 December 2024 at 07:58 IST