अपडेटेड 9 January 2025 at 11:31 IST

फॉर्मूला-ई रेस मामला : बीआरएस नेता केटी रामा राव ACB के समक्ष हुए पेश

‘फार्मूला-ई रेस’ मामले में मुख्य आरोपी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक के. टी. रामाराव बृहस्पतिवार को यहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष पेश हुए।

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BRS working president KT Rama Rao | Image: ANI

‘फार्मूला-ई रेस’ मामले में मुख्य आरोपी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक के. टी. रामाराव बृहस्पतिवार को यहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष पेश हुए।केटीआर के नाम से मशहूर राव को ‘फॉर्मूला-ई रेस’ आयोजित करने के लिए कथित ‘‘अनधिकृत’’ भुगतान से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए एसीबी ने बुलाया था। उनके वकील उनके साथ एसीबी कार्यालय गए।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘रामा राव एसीबी के समक्ष पेश हुए और उनसे पूछताछ शुरू हो गई है।’’तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को एसीबी कार्यालय में उनके साथ एक वकील को जाने की अनुमति दी थी। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि वकील उस कमरे में मौजूद नहीं होगा जहां एसीबी के अधिकारी राव से पूछताछ कर रहे होंगे।अदालत ने कहा कि वकील एक कमरे में बैठ सकते हैं, जहां वह अपने मुवक्किल और जांच अधिकारी से मिल सकते हैं और कार्यवाही का अवलोकन कर सकते हैं।

एसीबी के समक्ष पेश हुए के. टी. रामाराव

एसीबी के समक्ष पेश होने से पहले राव ने कहा कि जब वह पिछली सरकार में मंत्री थे, तब उनका एजेंडा हैदराबाद को निरंतर गतिशील महत्वपूर्ण केंद्र बनाना था, क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है और ‘फॉर्मूला-ई रेस’ उस महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण का एक हिस्सा थी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत में एक प्रतिष्ठित आयोजन कराने के लिए अथक प्रयास किया, ताकि हैदराबाद और तेलंगाना की ‘ब्रांड’ छवि को वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जा सके। एजेंडा हैदराबाद को स्थायी गतिशीलता वाला महत्वपूर्ण केंद्र बनाना था, क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ‘फॉर्मूला-ई रेस’ इस महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयास का एक हिस्सा थी।’’

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ‘टीएमवी (तेलंगाना मोबिलिटी वैली) क्लस्टर’ को नवाचार, अनुसंधान और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण का केंद्र बनाना है, जिससे रोजगार और राजस्व का सृजन होगा। उन्होंने कहा, ‘‘क्षुद्र राजनीति से प्रेरित छोटी सोच वाले लोग शायद इनमें से कुछ भी कभी नहीं समझ पाएंगे, लेकिन मुझे विश्वास है कि तेलंगाना के लोग जो सब कुछ देख रहे हैं, वे हमारी सच्चाई और इस दृष्टिकोण को समझेंगे। सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है।’’मामले में एक आरोपी वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अरविंद कुमार बुधवार को एसीबी के समक्ष पेश हुए थे।

‘फार्मूला-ई रेस’ मामले की जांच जारी

तेलंगाना एसीबी मुख्यालय में छह जनवरी को उस समय बड़ा नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब ‘फार्मूला-ई रेस’ मामले में जारी जांच के सिलसिले में तलब किए गए राव को उनके वकील की सहायता लेने से मना कर दिया गया, जिसके कारण उन्होंने कार्यालय के बाहर अपना बयान दर्ज कराया। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष को उनके वकील की सहायता लेने से इनकार कर दिया गया था, इसलिए उन्होंने एसीबी द्वारा पूछताछ से इनकार कर दिया था और अधिकारियों के सामने पेश हुए बिना ही एसीबी के कार्यालय से चले गए। हालांकि उन्होंने कार्यालय के बाहर एसीबी अधिकारी को अपना लिखित बयान सौंप दिया, जो वह एसीबी अधिकारी को देने के लिए लाए थे। एजेंसी ने उन्हें नौ जनवरी को पेश होने के लिए एक नया नोटिस जारी किया था।

क्या है पूरा मामला?

एसीबी ने दिसंबर 2024 में राव और दो अन्य के खिलाफ कथित भुगतान को लेकर मामला दर्ज किया था। आरोप है कि पिछली बीआरएस सरकार के दौरान 2023 में ‘फॉर्मूला-ई रेस’ आयोजित करने के लिए अधिकांश भुगतान बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में किया गया था। उस वक्त राव पिछली बीआरएस सरकार में नगर प्रशासन मंत्री थे। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया था, जिसके कारण सरकारी खजाने को लगभग 55 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है। ‘फॉर्मूला-ई रेस’ फरवरी 2024 में भी आयोजित होनी थी, लेकिन दिसंबर 2023 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया।

 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 9 January 2025 at 11:31 IST