अपडेटेड 31 January 2024 at 11:10 IST
आजाद भारत का पहला बजट किसने पेश किया, किस मद पर हुआ था सबसे ज्यादा खर्च?
First Budget of Country आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। इस बजट में रक्षा बजट को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई थी।
First Budget of Independent India: एक फरवरी को बजट साल 2024 का अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। ये वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार 6ठां बजट होगा। इसी साल लोकसभा के चुनाव भी हैं इस लिहाज से ये मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट होगा। क्या आपने कभी ये सोचा है कि आजाद भारत का पहला बजट किसने पेश किया और इसमें किस मद पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ था? तो चलिए आज हम आपको इसके बाते में विस्तार पूर्वक बताते हैं।
भारत के बजट का इतिहास कोई नया नहीं है बल्कि ये लगभग 78 साल पुराना है। इस बजट को देश के पहले वित्त मंत्री आर शणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 में पेश किया था। ये बजट अगस्त 1947 से लेकर मार्च 1948 तक के लिए था। हालांकि देश की आजादी के पहले भी बजट पेश होता था। तब उस समय के वित्तमंत्री अपने लेखा-जोखा के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए बजट पेश करते थे।
26 नवंबर 1947 को पेश हुआ था भारत का पहला बजट
आजादी मिलने के बाद भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था। ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के तीन महीने के बाद भारत को अपना पहला बजट संसद में रखने का मौका मिला। ये बजट सिर्फ साढ़े सात महीनों के लिए पेश किया गया था। इसमें 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 2048 तक के समय की दौरान देश की अर्थव्यवस्था के लिए बजट पेश किया गया था।
जानिए कितने रुपये का था देश का पहला बजट
देश का पहला बजट 171.15 करोड़ रुपये का था। इस बजट में आमदनी से भी ज्यादा 197.29 करोड़ रुपये का खर्च हुए थे। इस बजट में 26.24 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा रहा। इस बजट में सबसे ज्यादा खर्च रक्षा बजट पर रहा जिसमें 92.74 करोड़ रुपये का खर्च किए गए। आपको बता दें कि यही वो समय था जब बजट पर भी देश के (भारत-पाकिस्तान) बंटवारे का दंश साफ तौर पर दिखाई दे रहा था इसी वजह से रक्षा मद पर ज्यादा खर्च जरूरी था।
1500 रुपये की इनकम थी टैक्स फ्री
जब 16 नवंबर 1947 को देश का पहला बजट पेश किया गया था तब साल में 1500 रुपये की आमदनी को टैक्स फ्री रखा गया था। इस बजट को देश के पहले वित्तमंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। इस बजट को तत्कालीन भारत की अर्थव्यवस्था की एक समीक्षा रिपोर्ट भी कहा गया था। साल 2023 में नई टैक्स रिजिम के मुताबिक मोदी सरकार ने यह लिमिट बढ़ाकर 7 लाख तक कर दी है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 31 January 2024 at 10:45 IST