अपडेटेड 14 June 2024 at 13:01 IST

Earthquake: कुल्लू की पहाड़ियों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.0 रही तीव्रता

Earthquake: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसके बाद लोग जान बचाने के लिए अपने-अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े।

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कुल्लू में आया भूकंप | Image: Unsplash / Representative

Earthquake: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसके बाद लोग जान बचाने के लिए अपने-अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े, वहीं किसी के जानमाल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप शुक्रवार सुबह होने से पहले 3.39 बजे आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई है। 

भूकंप का केंद्र भी कुल्लू जिला ही था

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह आए इस भूकंप का केंद्र भी कुल्लू जिला ही था। जिस वक्त भूकंप आया, उस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे इसलिए उन्हें भूकंप का पता नहीं चला। हालांकि भूकंप की तीव्रता भी कम थी।

भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है कुल्लू

बता दें कि हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यह राज्य सिस्मिक जोन 4 और पांच में आता है। वहीं हिमाचल का कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील इलाका है।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप ? 

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है। 

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 14 June 2024 at 06:53 IST