अपडेटेड 11 March 2025 at 22:43 IST
नशे की लत न केवल व्यक्ति को बल्कि देश को भी नुकसान पहुंचाती है:द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मादक पदार्थों की लत न केवल एक व्यक्ति को बल्कि देश और उसकी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को मादक पदार्थों की लत की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति को बल्कि देश और उसकी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है और ऐसे में लोगों को इस अभिशाप से मुक्त कराने में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुर्मू ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में मोटापे की चर्चा करते हुए इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया और कहा कि यह बीमारी देश के विकास में बाधा नहीं बननी चाहिए।
उन्होंने अनुसंधानकर्ताओं से कैंसर की जांच के लिए सुलभ तकनीक विकसित करने को कहा।
उन्होंने कहा कि कम लागत पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने तथा चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए देश में कई एम्स स्थापित किए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को इलाज के साथ-साथ अनुसंधान एवं नवोन्मेष के मोर्चे पर आगे रहना चाहिए।
उन्होंने एम्स, बठिंडा के सभी पक्षों से अपील की कि वे अपने शोध और चिकित्सा सेवा के माध्यम से इसे चिकित्सा उत्कृष्टता के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में विकसित करें।
मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि उनका (एम्स, बठिंडा का) अनुसंधान वैश्विक और स्थानीय स्वास्थ्य मुद्दों को हल करने पर केंद्रित होना चाहिए।
उन्होंने कहा,‘‘हम सभी जानते हैं कि नशे की लत न केवल एक व्यक्ति, एक परिवार और समाज को बल्कि देश और उसकी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को इस लत से मुक्त कराने में चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्हें (नशे के आदी लोगों को) उचित परामर्श और उपचार दिया जाना चाहिए। उन्हें (ऐसे लोगों को) नशे की लत से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। ’’
राष्ट्रपति ने कहा कि मोटापा न केवल अपने आप में एक समस्या है, बल्कि यह हृदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी कई घातक बीमारियों का भी कारण है।
मुर्मू ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि पंजाब के मालवा क्षेत्र में कैंसर रोगियों की संख्या राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर कीटनाशकों और उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग और प्रदूषित पेयजल इसके लिए जिम्मेदार हैं। मैं एम्स, बठिंडा के चिकित्सकों से इस समस्या के बारे में गहन शोध करने की अपील करती हूं।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इसके लिए कृषि विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद लें और अनुसंधान निष्कर्षों के आधार पर लोगों को उचित जीवन शैली और कृषि पद्धतियां अपनाने का सुझाव दें।’’
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 11 March 2025 at 22:43 IST