अपडेटेड 23 September 2025 at 21:02 IST

क्या आप जानते हैं रात के अंधेरे में क्यों टिमटिमाते हैं जुगनू? पार्टनर से मिलने का है इशारा या फिर...

Firefly, Juganoo Lighting: बताया जाता है कि नर जुगनू इस लाइट से एक लय में अपने मादा पार्टनर को सिग्नल भेजते हैं, जिस सिग्नल को इनकी पार्टनर दूर से ही समझ जाती है और फिर नजदीक आ जाती है। इसको रिप्रोडक्शन और कम्युनिकेशन के लिए भी इस्तेमाल के रूप में देखा जाता है। कई बार इस रोशनी का इस्तेमाल जुगनू अपनी रक्षा के लिए भी करते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Meta AI

Firefly, Juganoo Lighting: जुगनू एक ऐसा नाम, जिसको सुनते ही लगता है कि कोई ऐसा प्राणी या जीव, जो जगमगाता हो या टिमटिमाता हो। आप में से अधिकतर लोगों ने जुगनू को देखा भी होगा। जुगनू एक ऐसे जीव होते हैं, जिन्हें आप गर्मियों में शाम के बाद रात होने लगती है तो इन्हें खेतों में, बगीचों में या नदियों के किनारे देख सकते हैं।

पृथ्वी के ये छोटे प्राणी देर शाम और रात में टिमटिमाते हैं। ऐसा लगता है कि इनके शरीर में लाइट जल रही है और एक मनमोहक दृश्य दिखता है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए इसके पीछे की साइंस और कारण को जानते हैं...  

इन दो केमिकलों के रिएक्शन से उत्पन्न होती है लाइट

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुगनू की टिमटिमाने की घटना को साइंस की भाषा में बायोलुमिनिसेंस कहते हैं। मतलब कि यह एक केमिकल प्रोसेस होता है, जिसमें लाइट निकलती है। बताया जाता है कि जुगनू के पेट के निचले हिस्से में एक खास अंग होता है, जिसमें दो केमिकल होते हैं। इनके नाम ल्यूसिफेरेज और ल्यूसिफेरिन है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जब जुगनू सांस लेते हैं तो ल्यूसिफेरेज और ल्यूसिफेरिन के साथ ऑक्सीजन के मिलने से एक केमिकल रिएक्शन होती है, जिस कारण एनर्जी निकलती है। यही एनर्जी यानी कि ऊर्जा लाइट के रूप में दिखाई देती है। इसके कारण हमें लगता है कि रात में जुगनू के शरीर से लाइट निकल रही है और वे टिमटिमा रहे हैं।

अपने पार्टनर को बुलाने का भी संकेत

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुगनू का टिमटिमाना अपने पार्टनर को बुलाना भी होता है। हालांकि, हर बार की रोशनी का यही कारण नहीं होता है। लेकिन अधिकतर समय कुछ ऐसा ही होता है। बताया जाता है कि नर जुगनू इस लाइट से एक लय में अपने मादा पार्टनर को सिग्नल भेजते हैं, जिस सिग्नल को इनकी पार्टनर दूर से ही समझ जाती है और फिर नजदीक आ जाती है। इसको रिप्रोडक्शन और कम्युनिकेशन के लिए भी इस्तेमाल के रूप में देखा जाता है। कई बार इस रोशनी का इस्तेमाल जुगनू अपनी रक्षा के लिए भी करते हैं। 

 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 23 September 2025 at 21:02 IST