अपडेटेड 25 October 2024 at 22:55 IST

लद्दाख में चीन-भारत के बीच तनाव खत्म, पीछे हटने लगीं दोनों देशों की सेनाएं; 2020 वाली स्थिति बरकरार

संक्षेप में कहा जाए तो भारत और चीन ने एलएसी पर शेष क्षेत्रों में मतभेदों को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत की है।

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लद्दाख में चीन-भारत के बीच तनाव खत्म, पीछे हटने लगीं दोनों देशों की सेनाएं; 2020 वाली स्थिति बरकरार | Image: X

सेना की उत्तरी कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिन्द्र कुमार ने शुक्रवार को कहा कि सैन्य और कूटनीतिक वार्ता से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने पर सहमति बनी है, जिससे टकराव बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने और 2020 में पैदा हुए मुद्दों के समाधान में मदद मिली। उन्होंने कहा कि इन वार्ताओं के दौरान बनी सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चरागाहों तक पहुंच भी शामिल है।

कुमार ने लद्दाख में एलएसी पर टकराव बिंदुओं से सैनिकों के पीछे हटने से संबंधित एक सवाल का जवाब में कहा, 'वहीं, आप जानते ही होंगे कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर, 2024 को अपने बयान में उल्लेख किया था कि पिछले कई हफ्तों से भारतीय और चीनी राजनयिक तथा सैन्य वार्ताकार विभिन्न मंचों पर निकट संपर्क में हैं।' कुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर एक सहमति बनी है, जिससे सैनिकों की (टकराव बिंदुओं से) वापसी और 2020 में उभरे मुद्दों का समाधान हुआ है।'

उन्होंने कहा कि संक्षेप में कहा जाए तो भारत और चीन ने एलएसी पर शेष क्षेत्रों में मतभेदों को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर बातचीत की है। कुमार ने कहा, 'इन वार्ताओं के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीन पर स्थिति को बहाल करने के लिए एक व्यापक सहमति हासिल की गई है। इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चरागाहों तक पहुंच बहाल करना शामिल है।'

सैन्य कमांडर ने रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी प्रगति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हम उत्तरी क्षेत्र में क्षमता विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अग्रिम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उत्तरी सीमाओं पर एक बहु-एजेंसी बुनियादी ढांचा विकास अभियान जारी है।' सैन्य कमांडर ने कहा कि अभियान क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा उपकरणों को उन्नत, संशोधित और नवीनीकृत करने के महत्वपूर्ण प्रयासों के साथ विभिन्न अस्त्र प्रणालियों और उपकरणों की खरीद की जा रही है। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' पहल के प्रति सेना की प्रतिबद्धता दोहराई।

जम्मू-कश्मीर में सेना की विभिन्न जन-समर्थक पहलों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा में हमारी भूमिका के अलावा, हम क्षेत्र में विकास गतिविधियां भी चला रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सीमावर्ती तथा दूरदराज के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘ऑपरेशन सद्भावना’ परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।' उन्होंने कहा कि सेना केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों को बड़ी संख्या में सेना सद्भावना विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रही है।

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 25 October 2024 at 22:55 IST