अपडेटेड 17 November 2023 at 14:51 IST
Dev Diwali 2023: क्या है देव दीपावली के पीछे की कहानी? जानिए इसका महत्व और पूजा विधि
Dev Diwali 2023: कुछ ही दिनों में देव दीपावली मनाई जाने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस पर्व के पीछे की कहानी क्या है।
Dev Diwali 2023: दीपावली त्योहार के ठीक 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली (Dev Diwali) मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। मान्यता है कि देव दीपावली पर्व को सिर्फ आम इंसान ही नहीं बल्कि देवी-देवता भी दीप जलाकर खुशी से मनाते हैं। इसलिए इसे ‘देव दिवाली’ यानी कि देवताओं की दिवाली कहा जाता है।
स्टोरी में आगे पढ़ें...
- देव दीपावली की कहानी क्या है?
- दीपावल से 15 दिन बाद मनाई जाती है देव दिवाली
- देवता भी मनाते हैं देव दीपावली
देव दीपावली कथा (Dev Diwali Katha)
पौराणिक कथा के मुताबिक, जब असुर त्रिपुरासुर ने अपने आतंक से धरतीलोक पर मनुष्यों और स्वर्गलोक में सभी देवी-देवताओं को त्रस्त कर दिया था। तब सभी देवी-देवता मिलकर त्रिपुरासुर से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे थे और उन्होंने भगवान शिव से त्रिपुरासुर का अंत करने की प्रार्थना की थी।
जिसके बाद भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर राक्षस का संहार कर दिया था। इसके बाद देवी-देवताओं ने भगवान शिव का आभार जताते हुए स्वर्गलोक में दीप जलाए थे। जिसके बाद सभी भोलेनाथ की नगरी काशी में पधारे और काशी में भी दीप जलाकर देवी-देवताओं ने त्रिपुरासुर के वध की खुशी मनाई थी।
इस घटना के बाद से ही कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन को देव दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा। इतना ही नहीं इस दिन काशी और गंगा घाटों में विशेष तौर पर देव दीपावली मनाई जाती है।
देव दीपावली का महत्व (Importance of Dev Diwali)
देव दीपावली को बेहद शुभ दिन माना जाता है। क्योंकि इस दिन आम लोगों के साथ-साथ देवी-देवता भी दीप जलाकर देव दीपावली मनाते हैं। इसी वजह से इस दिन को देव दीपावली कहा जाता है। वहीं, इस दिन दुनिया भर में लोग नदियों में स्नान और दान-पुण्य करते हैं। साथ ही देव दीपावली के दिन दीपदान का भी विशेष महत्व होता है। जिसके तहत मुख्य रूप से काशी और गंगा घाट किनारे खूब दीपदान किए जाते हैं।
देव दिवाली की तिथि (Dev Deepawali 2023 Date)
जैसा कि देव दीपावल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। ऐसे में इस साल कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 26 नवंबर दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से 27 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट तक पड़ रही है। इसलिए 26 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali 2023 Shubh Muhurat)
वहीं अगर बात करें इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्त की तो प्रदोष काल में 26 नवंबर को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस समय आप दीप दान कर सकते हैं।
पूजा विधि (Dev Deepawali 2023 Puja Vidhi)
- देव दीपावली के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करें।
- अगर आपके लिए नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर में ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
- फिर भगवान गणेश, शिवजी, और विष्णु जी की पूजा करें।
- पूजा में हल्दी, कुमकुम, चंदन, अक्षत, सुपारी, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
- इसके बाद दीप जलाकर सभी देवताओं की आरती करें।
- इस बात का खास ध्यान रखें कि इस दिन सुबह प्रदोष काल में भी पूजा करनी चाहिए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 17 November 2023 at 14:48 IST