अपडेटेड 27 May 2024 at 13:53 IST
विवेक विहार बेबी केयर सेंटर पर पहले भी हो चुका FIR, लापरवाही का रहा है इतिहास
दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर का लापरवाही का इतिहास रहा है। साल 2021 में भी IPC की कई धाराओं के तहत शिकायत हो चुकी है।
दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर में नवजात बच्चों की हुई दर्दनाक मौत मामले में लापरवाही का मामला सामने आया है। लापरवाही अस्पताल की कहें या प्रशासन की, आज 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई और कई लापता हैं। अबतक इन लापता बच्चों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। बच्चों के माता-पिता अपने जिगर के टुकड़ों की तलाश में इधर से उधर भाग रहे हैं।
जानकारी मिली है कि बेबी केयर सेंटर के खिलाफ 2021 में भी शिकायत की गई थी। 2021 में इस हॉस्पिटल के मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 325, 506, 34 और किशोर न्याय अधिनियम (बच्चों की सुरक्षा और देखभाल) की धारा 75 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। नवीन किची के खिलाफ नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने और केस हिस्ट्री में हेराफेरी करने का आरोप था। इस केस को हाथरस के एक दंपति ने दर्ज कराया था।
भारी लापरवाही का नतीजा है मासूमों की मौत
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि इस नर्सिंग होम की Noc परमिशन 31 मार्च को ही खत्म हो गई थी। बता दें, दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से Noc का परमिशन दिया जाता है। ऐसे में इन नवजात मासूमों की मौत का जिम्मेदार किसे ठहराया जाए? दिल्ली के विवेक विहार में न्यूबॉर्न बेबी केयर सेंटर से 26 मई की सुबह एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई, जिससे दिल दहल जाएगा। दरअसल, आग लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती 11 में से 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई।
25 मई की देर रात को करीब 11 बजकर 32 मिनट पर दिल्ली फायर ब्रिगेड को आग लगने की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही दमकल की नौ गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया, लेकिन आग पर सुबह 4 बजे के करीब काबू पाया जा सका। मामले में डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग के मुताबिक "विवेक विहार क्षेत्र के ब्लॉक बी, आईटीआई के पास, बेबी केयर सेंटर से आग लगने की सूचना मिली थी। कुल नौ दमकल गाड़ियां भेजी गईं।"
मरने वाले मासूमों में 3 बच्ची और 4 बच्चा शामिल
बता दें, इस दर्दनाक घटना में जो 7 बजे मरे हैं, उनमें 3 बच्चियां और 4 बच्चे शामिल हैं। इनमें से 6 बच्चे महज 15 दिनों के थे और 1 बच्चा 25 दिन का था। कई बच्चे अब भी लापता हैं। कुछ बच्चे तो इनमें से ऐसे हैं, जिन्हें उनके माता-पिता ने सही से गोद में खिलाया भी नहीं था।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 27 May 2024 at 08:46 IST