अपडेटेड 11 August 2025 at 13:52 IST
दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, कहा- इन्हें पकड़ कर एक जगह रखा जाए, शुरू करें हेल्पलाइन नंबर
दिल्ली-NCR में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर शेल्टर होम भेजा जाए।
Delhi News : दिल्ली-NCR में आवारा कुत्ते लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं। सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्ते बच्चों को सबसे अधिक निशाना बनाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी गंभीरता को समझते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर शेल्टर होम भेजें।
अदालत ने नगर निकायों और दूसरी एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर पर्याप्त शेल्टर होम की सुविधा सुनिश्चित करें। कोर्ट ने साफ कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों से हटाया जाए। अदालत ने आगे कहा कि किसी भी आवारा कुत्ते को शेल्टर होम में रखे जाने के बाद वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
देश की सर्वोच्च अदालत ने पिछले महीने कुत्तों के काटने से रेबीज होने की घटनाओं के बारे में मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था। इसमें कहा गया है कि शहर और इसके बाहरी इलाकों में हर दिन सैकड़ों कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे रेबीज फैल रहा है। बच्चे और बुजुर्ग इस भयानक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
शुरू करें हेल्पलाइन नंबर
कोर्ट ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए एक हफ्ते में एक हेल्पलाइन शुरू करने के आदेश दिए हैं। जिससे कुत्ते के काटने की जानकारी तुरंत मिल सके। कोर्ट ने कहा कि नियमों को भूलकर हमें सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ना होगा। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों को सड़कों पर सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
आवारा कुत्तों के खतरे से लड़ेगी MCD
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली नगर निगम (MCD) ने घोषणा की थी कि राजधानी में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए Animal Birth Control Centers बनाएं जाएंगे और इलाके के हिसाब से एंटी-रेबीज जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। MCD में एक बयान में कहा था कि अलग-अलग NGO की मदद से जल्द ही कुत्तों में माइक्रोचिप्स लगाना शुरू करेंगे, ताकि नसबंदी की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण विवरण दर्ज किए जा सकें, जिससे निगरानी और ट्रैकिंग आसान हो सके।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 11 August 2025 at 13:52 IST