अपडेटेड 20 February 2025 at 19:11 IST

Pravesh Verma: मैनेजमेंट की डिग्री, दो बार सांसद... प्रवेश वर्मा कितने कद्दावर? जो दिल्ली का CM बनते-बनते चूक गए

विधानसभा चुनाव की संभवतः सबसे बड़ी चुनौती के लिए खुद को तैयार करके प्रवेश वर्मा ने वही किया, जो केजरीवाल ने 2013 में किया था।

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मैनेजमेंट की डिग्री, दो बार सांसद... प्रवेश वर्मा कितने कद्दावर? जो दिल्ली का CM बनते-बनते चूक गए | Image: ANI

वर्ष 2014 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर राष्ट्रीय राजनीति में उभरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रवेश वर्मा का राजनीतिक कद तीन बार मुख्यमंत्री रहे ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव में हराने के बाद काफी बढ़ गया। पांच फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवेश वर्मा (47) पार्टी का प्रमुख जाट चेहरा थे और उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अंततः यह पद पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मिला। वर्मा को रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा की छवि तेजतर्रार नेता की रही है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वयं को नयी दिल्ली विधानसभा सीट पर केजरीवाल का प्रतिद्वंद्वी घोषित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल तीन बार से नयी दिल्ली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। विधानसभा चुनाव की संभवतः सबसे बड़ी चुनौती के लिए खुद को तैयार करके प्रवेश वर्मा ने वही किया, जो केजरीवाल ने 2013 में किया था। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल 2013 के विधानसभा चुनाव में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित के खिलाफ नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतर गये थे और उन्हें हराकर पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बने थे।


केजरीवाल को लगभग 4000 वोटों से दी थी शिकस्त

प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को लगभग 4,000 मतों के अंतर से हराया। वर्मा को 2014 और 2019 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड अंतर से जीतने का गौरव प्राप्त है। प्रवेश वर्मा ‘फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट’ से एमबीए की डिग्री हासिल कर चुके हैं। वह अपने पिता द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संगठन राष्ट्रीय स्वाभिमान के माध्यम से सामाजिक कार्यों में भी शामिल रहे हैं। सात नवंबर 1977 को दिल्ली में जन्मे प्रवेश वर्मा ने बचपन से ही राजनीति में रुचि दिखाई और वह 1991 में बाल स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए।


दिल्ली लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत वाले नेता

प्रवेश वर्मा बाद में भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में शामिल हो गए और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने । बाद में उन्होंने बीजेपी की दिल्ली इकाई के महासचिव के रूप में काम किया। वह 2013 में तीन बार के विधायक और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रहे योगानंद शास्त्री को हराकर पहली बार मेहरौली से विधायक बने और फिर उन्होंने 2014 और 2019 में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से लगातार जीत हासिल की। ​​दिल्ली में संसदीय चुनाव लड़ने वाले किसी भी नेता के लिए उनकी जीत का अंतर सबसे ज़्यादा है। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में 5.78 लाख से ज़्यादा मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।


जानिए कितनी है प्रवेश वर्मा की नेटवर्थ

प्रवेश वर्मा के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 77.89 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 12.19 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी के पास 17.53 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 6.91 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उनके गैर-लाभकारी संगठन राष्ट्रीय स्वाभिमान ने कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की है, गुजरात में भूकंप से प्रभावित दो गांवों के पुनर्वास में मदद की है और चक्रवात से प्रभावित ओडिशा के तीन गांवों में पुनर्वास कार्य किया है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 20 February 2025 at 19:11 IST